रांची। राजधानी से 126 किलोमीटर दूर जमशेदपुर शहर से निकल कर रांची पहुंचा कमलेश कुमार उर्फ कमलेश कुमार सिंह आज चर्चा का विषय बना हुआ है. ईडी ने समन भेजा. उसके ठिकानों पर छापा मारा. एक अखबार में फोटोग्राफर की नौकरी करने वाला आज माफिया बनकर जमीन के कागजातों की हेराफेरी करने लगा. अधिकारियों से पैसों की बदौलत काम करवाता है. आखिरकार यह कमलेश कैसे इतने कम समय में दस हजार की सैलरी में काम करने वाला इतना बड़ा एम्पायर खड़ा कर लिया, किसी ने जानना नहीं चाहा होगा. जी हां, यह वहीं कमलेश है जिसके कंधे पर रांची में पदस्थापित एक पूर्व आईपीएस अधिकारी का हाथ था. कुछ वर्ष पूर्व IPS अधिकारी ने पद पर रहकर कई कारनामे जमीन माफियाओं के साथ मिलकर किए और कमलेश को फोटोग्राफर से उठाकर जमीन माफिया बना दिए.
IPS की बदौलत कमलेश के पास आयी ताकत
दरअसल, कमलेश एक निजी अखबार में फोटोग्राफर का काम करता था. धीरे धीरे उसका एक IPS के पास आना जाना शुरु हुआ. वह अधिकारी कमलेश को हर दिन अपने चैंबर में बुलाने लगे. इसके बाद कमलेश इस्तेमाल होना शुरु हुआ. अचानक पैसों के बंडल देखने के बाद मीडिया की नौकरी करने का इरादा छोड़कर जमीन के कारोबार से जुड़ गया और उसका आना-जाना नेताओं, IAS-IPS के अलावा सरकार के मंत्रियों के घरों में शुरु हो गया. धीरे धीरे लालच बढ़ती गई और फर्जी दस्तावेज बना कर जमीन की बिक्री करने लगा. कमलेश का साथ कई अधिकारियों ने भी दिया है. जिनके दम पर वह पूरे खेल को संचालित करता था.
सोसाइटी बनाकर पूर्व डीजीपी को बेचा जमीन
कमलेश का नाम पूर्व डीजीपी डीके पांडेय को भी फर्जी कागजात तैयार कर जमीन देने मामले में सामने आया था. यह जमीन उसी IPS अधिकारी ने सोसाइटी तैयार कर जमीन की घेराबंदी की और देखते-देखते उक्त जगह पर कांके रिसोर्ट बनकर खड़ा हो गया. हालांकि, अभी तक उक्त अधिकारी के पास ईडी की टीम नहीं पहुंची है. लेकिन सूचना मिल रही है कि उक्त अधिकारी ईडी की नजर में है. संदेह के घेरे में आईपीएस अधिकारी भी है.
ईडी ने ग्रामीणों का दर्द सुना तो हुए हैरान
फिलहाल जांच एजेंसी ईडी जमीन घोटाले मामले की जांच कर रही है. बुधवार को ईडी के अधिकारी चामा गांव पहुंचे. ग्रामीणों का जब बयान दर्ज करने लगे तो सुनकर हैरान हो गए. उन्हें सोचा भी नहीं था कि कमलेश ऐसा भी काम कर सकता है. ग्रामीणों ने बताया है कि जमीन कारोबारी कमलेश और अन्य ने मिल कर जमीन पर जबरन कब्जा कर बड़े अधिकारियों को बेच दिया है. यही कारण है कि उनकी शिकायत करने पर कोई एक अधिकारी सुनने वाला भी नहीं है.