Patna : पटना में पढ़ रहा एक छात्र ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली. मृतक की शिनाख्त उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के रहने वाले प्रशांत पाल के रूप में की गई है. प्रशांत बिहार के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) के थर्ड ईयर का छात्र था. मिली जानकारी के अनुसार प्रशांत कंप्यूटर साइंस का मेधावी छात्र था. लेकिन वह एक गंभीर बीमारी “हाइपरहाइड्रोसिस” से लंबे समय से जूझ रहा था. इस बीमारी में इंसान के हाथ-पैरों से असामान्य रूप से पसीना आता है. इस कंडीशन में आराम करते समय, उठते बैठते समय या कोई भी काम करते समय पसीना आ सकता है. जिससे जलन और दर्द होती है. प्रशांत के परिवार ने उसे इस इलाज के लिए 20 लाख रुपये से अधिक खर्च किये, लेकिन कोई खास राहत नहीं मिल सकी.
मेरी समस्या का एक ही समाधान ‘मौत’
प्रशांत ने सुसाइड नोट में लिखा, “मेरी सारी समस्या और बीमारी का समाधान मौत है.” दो पन्नों में उसने अपने दर्द को पापा के नाम खत में उड़ेल दिया, जिसमें कहा कि उसकी नींद, पढ़ाई और भविष्य सब इस बीमारी की वजह से बर्बाद हो चुकी हैं. उसने ये भी लिखा कि वह मिड सेमेस्टर से ही आत्महत्या करने का निर्णय ले चुका था, लेकिन होली पर अपने परिवार को एक बार फिर देखना चाहता था. जो उसे इतने दिनों तक जिंदा रखा. उसने सुसाइड नोट में अपने पिता को ‘दुनिया का सबसे बेस्ट पापा’ बताया और लिखा कि भविष्य में घर में किसी का नाम ‘प्रशांत’ न रखा जाए. बता दें कि प्रशांत की डेड बॉडी जीआरपी ने बिहटा स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक से बरामद किया. परिजनों ने उसकी अंतिम विदाई गांव के एक खेत में दफना कर की क्योंकि परिवार की मान्यता है कि असमय मौत के बाद बॉडी को दफनाया जाता है.
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