नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन अधिनियम पर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की टिप्पणी पर कड़ा प्रहार करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि वे वर्षों से कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति के खिलाफ लड़ रहे हैं और कांग्रेस को इससे बाहर निकलना चाहिए व विकास के एजेंडे पर काम करने की कोशिश करनी चाहिए. कांग्रेस सिर्फ अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए सीएए को खत्म करना चाहती है.
तुष्टीकरण की राजनीति कर रही कांग्रेस
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 1960 के दशक से कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए तुष्टीकरण की राजनीति को अपना हथियार बना लिया है. हम वर्षों से इसके खिलाफ लड़ रहे थे. 2014 से पीएम मोदी ने लोगों के बीच विकास का एजेंडा तय किया और उसी के आधार पर देश में चुनाव शुरू हुए. कांग्रेस को इसका सामना करना पड़ रहा है. विकास के आधार पर चुनाव लड़ने में कठिनाई के कारण वे लगातार चुनाव हार रहे हैं. वे एक बार फिर तुष्टीकरण की राजनीति के आधार पर आगे बढ़ना चाहते हैं. चिदंबरम यह नहीं कहते कि सीएए की खामियां क्या हैं, वे सिर्फ इतना कहते हैं कि वे इसे खत्म करेंगे. उन्हें अपने अल्पसंख्यक वोट बैंक को मजबूत करना होगा.
सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीनेगा
उन्होंने आगे कहा कि चिदंबरम के इरादे कभी पूरे नहीं होंगे क्योंकि जनता कांग्रेस पार्टी को अच्छी तरह से समझ चुकी है. बीजेपी अपने सिद्धांतों पर कायम है. हम किसी के साथ अन्याय नहीं करेंगे. हम न्याय करेंगे. लेकिन हम तुष्टिकरण भी नहीं करेंगे. मुझे समझ नहीं आता कि कांग्रेस को सीएए पर क्या आपत्ति है. सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीनेगा. वे लोगों को गुमराह कर रहे हैं. वे तुष्टिकरण की राजनीति करके चुनाव जीतना चाहते हैं. मैं चिदंबरम को बताना चाहता हूं कि उनके इरादे कभी पूरे नहीं होंगे.
तीनों आपराधिक कानून दुनिया में सबसे आधुनिक बना देंगे
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सीएए रहेगा और तीनों आपराधिक कानून लागू रहेंगे. तीन नए आपराधिक कानूनों पर सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि चिदंबरम समिति का हिस्सा थे और उन्होंने सुझाव दिए थे और उनकी सराहना भी की थी. अमित शाह ने कहा कि जहां तक तीन कानूनों (आपराधिक कानून) का सवाल है, चिदंबरम खुद समिति का हिस्सा थे. उन्होंने कई बार सकारात्मक सुझाव दिए थे और उनकी सराहना भी की थी. तीन कानून देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को दुनिया में सबसे आधुनिक बना देंगे. कांग्रेस भ्रष्टाचार के मामलों में परिणाम नहीं चाहती है. वह चाहती है कि न्याय लंबित रहे. लेकिन भाजपा और नरेंद्र मोदी की नीतियां स्पष्ट हैं, प्रत्येक नागरिक को कम से कम समय में न्याय पाने का संवैधानिक अधिकार है.
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