Sahara Refund Portal : सहारा इंडिया के करोड़ों निवेशकों के पैसे लौटाने के लिए केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने ‘सीआरसीएस- सहारा रिफंड पोर्टल (CRCS-Sahara Refund Portal)’ लॉन्च कर दिया है। पोर्टल के जरिए सहारा की को-ऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशक अप्लाई कर सकते हैं। इन को-ऑपरेटिव सोसाइटीज के 10 करोड़ निवेशकों के पैसे फंसे हुए हैं। इस पोर्टल के जरिए सहारा में निवेशकों के फंसे पैसे 45 दिन में वापस मिल जाएंगे। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है। पैसे वापस नहीं मिलने पर निवेशकों ने इस मामले में सरकार से हस्तक्षेप करने की अपील की थी।
10 करोड़ निवेशकों के फंसे हैं पैसे
देशभर के 10 करोड़ निवेशकों के करोड़ों रुपये सहारा इंडिया में फंसे हुए हैं। इस पोर्टल के लॉन्च होने से निवेशकों को उम्मीद जगी है कि उनके फंसे हुए पैसे अब वापस मिल जाएंगे। नई दिल्ली में सहारा रिफंड पोर्टल के शुभारंभ के कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि सहारा की सहकारी समितियों में जिन लोगों के रुपये कई सालों से डूबे हुए थे, उसे लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह पोर्टल सहारा ग्रुप के 10 करोड़ से अधिक जमाकर्ताओं को अपना पैसा वापस पाने में मदद करेगा।
9 महीने के भीतर लौटाए जाएंगे पैसे
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने रिफंड पोर्टल लॉन्च करते हुए कहा, “सहारा ग्रुप की चार सहकारी समितियों में फंसे जमाकर्ताओं का पैसा वापस करने की प्रक्रिया सहारा रिफंड पोर्टल के लॉन्च के साथ शुरू हो गई है।” सरकार ने 29 मार्च को कहा था कि सहारा समूह की चार सहकारी समितियों के करीब 10 करोड़ निवेशकों को 9 महीने के भीतर पैसे लौटाए जाएंगे। यह घोषणा सुप्रीम कोर्ट के 5,000 करोड़ रुपये सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट से केंद्रीय सहकारी समिति रजिस्ट्रार (CRCS) को ट्रांसफर करने के आदेश के बाद की गई थी।
सहारा के 4 समितियों में फंसे हैं पैसे
सहकारिता मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा था कि सहारा समूह के निवेशकों की तरफ से दावा प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए मंगलवार को एक विशेष पोर्टल जारी किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं की तरफ से वैध दावे जमा करने के लिए पोर्टल विकसित किया गया है।
सहकारिता मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी अर्जी
इन सहकारी समितियों के नाम सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड हैं। सहारा ग्रुप की इन सहकारी समितियों के पास पैसे जमा करने वाले निवेशकों को राहत दिलाने के लिए सहकारिता मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी। जिसके बाद शीर्ष अदालत ने इनके दावों की भरपाई के लिए 5,000 करोड़ रुपये CRCS को ट्रांसफर करने का आदेश दिया था।