नई दिल्ली। शिक्षा तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पूर्व सचिव अमित खरे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्त किया गया है। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। उनकी नियुक्ति का आदेश मंगलवार को जारी किया गया। वह अगले दो साल या फिर अगले आदेश तक इस पद पर बने रहेंगे। गत 30 सितंबर को वह उच्च शिक्षा सचिव के पद से रिटायर हुए थे। करीब 34 सालों बाद देश में नई शिक्षा नीति लागू में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा इंटरनेट मीडिया को लेकर नियम तय करने में भी उनका योगदान रहा।

अमित खरे भारतीय प्रशासनिक सेवा में 1985 बैच के बिहार-झारखंड कैडर के अधिकारी थे। 36 साल के अपने करियर में उन्होंने भारत सरकार के अलावा झारखंड और बिहार सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई। उन्होंने चारा घोटाला मामले को उजागर किया था। वह जब चाईबासा उपायुक्त के पद पर थे तो उन्होंने इस मामले में पहली बार एफआइआर दर्ज कराई थी। इसके बाद बिहार के कई हाईप्रोफाइल नेता और अधिकारी जेल गए। सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को भी जेल हुई।

अमित खरे ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में रहते हुए दूरदर्शन के दायरे का विस्तार किया। झारखंड समेत देश के लगभग एक दर्जन राज्यों को डीडी फ्री डिश की सेवा दिलाई। नवंबर 2018 में उनके नेतृत्व में गोव में अंतरारष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन हुआ। उन्होंने झारखंड में लोगों को डायन-बिसाही जैसे अंधविश्वास के खिलाफ जागरूक किया। इसके खिलाफ कड़े कानून बनवाए।

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