बोकारो : पलायन एक ऐसी पीड़ा है, जो रोजी–रोटी के लिए इंसान को घर छोड़ने पर मजबूर कर देती है. बोकारो जिला स्थित बेरमो के सुभाष नगर निवासी अमित कुमार निजामों के शहर हैदराबाद कमाने गए थे. अमित को हैदराबाद में काम पसंद नहीं आया और वो वापस हैदराबाद से अपने घर बेरमो लौट रहे थे. लेकिन अपने घर पहुंच नहीं सके. उनका सफ़र रास्ते में ही खत्म हो गया. छत्तीसगढ़ की एक नदी में उनका शव संदिग्ध हालत में पड़ा मिला. आखिर उनकी मौत कैसे हुई, यह सवाल है, जिसकी तफ्तीश होनी चाहिए. फिलहाल सुभाष नगर में अमित के घर चीख-पुकार मची है. सबके मन में सवाल है कि अमित की मौत आखिर कैसे हुई. आखिर इस अकाल मौत का सच क्या है.
आधार कार्ड से हुई शव की पहचान
मृतक अमित के भाई मोहन ने बताया कि अमित कमाने के लिए हैदराबाद गया था. वहां उसे काम पसंद नहीं आया और वापस अपने घर लौट रहा था. हैदराबाद में ट्रेन पर चढ़ा. बीच रास्ते में क्या हुआ, पता नहीं. उसका शव छत्तीसगढ़ मुरमुरा थाना क्षेत्र स्थित एक नदी में मिला. इसके बाद छत्तीसगढ़ के मुरमुरा थाना प्रभारी का फोन आया कि एक बॉडी मिली है, यहां अमित नाम का आधार कार्ड मिला है. इस संबंध में मृतक अमित के भाई मोहन ने अपनी अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि हम लोगों को किसी पर शक नहीं है. लेकिन परिजन इस घटना को हत्या मान रहे हैं और झारखंड सरकार से जांच कर दोषी को सजा दिलाने की बात कह रहे हैं.