Johar Live Desk : समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले की जिंदगी पर आधारित फिल्म ‘फुले’ अब तय समय पर रिलीज नहीं होगी. प्रतीक गांधी और पत्रलेखा स्टारर इस फिल्म की रिलीज डेट पहले 11 अप्रैल तय की गई थी, लेकिन अब यह विवादों के चलते आगे बढ़ा दी गई है. सेंसर बोर्ड के कुछ सुझावों और ब्राह्मण संगठनों के विरोध के कारण मेकर्स ने यह फैसला लिया है.
ब्राह्मण संगठनों ने जताया ऐतराज
फिल्म का ट्रेलर सामने आने के बाद अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज और परशुराम विकास महामंडल जैसे संगठनों ने फिल्म पर आपत्ति जताई हैं. उनका आरोप है कि फिल्म में ब्राह्मण समुदाय को नकारात्मक रूप में दिखाया गया है और यह फिल्म जातिवाद को बढ़ावा देती है. इस विरोध के बाद सोशल मीडिया पर भी फिल्म को लेकर बहस छिड़ गई है.
डायरेक्टर अनंत महादेवन ने दी सफाई
फिल्म के डायरेक्टर अनंत महादेवन ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि फिल्म का मकसद किसी समुदाय को नीचा दिखाना नहीं है. उन्होंने बताया, “सेंसर बोर्ड ने कुछ सुधार सुझाए थे, जिन्हें हमने स्वीकार कर लिया है. फिल्म में कोई सीन काटा नहीं गया है. यह एक एजुकेशनल फिल्म है और खासकर युवाओं को इसे जरूर देखना चाहिए.”
महादेवन ने कहा कि फिल्म के दो मिनट के ट्रेलर के आधार पर गलतफहमियां फैलाई गईं. “कुछ संगठनों ने सोशल मीडिया पर अपनी राय रखी, जिससे बाकी लोग भी बहक गए. हम नहीं चाहते कि फिल्म किसी भी वजह से विवादों में घिरी रहे, इसलिए हमने दो हफ्ते के लिए रिलीज डेट टालने का फैसला किया है”.
नई रिलीज डेट का इंतज़ार
फिलहाल फिल्म की नई रिलीज डेट तय नहीं हुई है. मेकर्स का कहना है कि जैसे ही विवाद शांत होगा. वे नई तारीख की घोषणा करेंगे. डायरेक्टर की अपील है कि दर्शक फिल्म को एक सामाजिक संदेश के तौर पर देखें, न कि किसी समुदाय के खिलाफ. बता दें कि ‘फुले’ में प्रतीक गांधी ने ज्योतिबा फुले की भूमिका निभाई है, जबकि पत्रलेखा सावित्रीबाई फुले के किरदार में नजर आएंगी. फिल्म सामाजिक न्याय, शिक्षा और समानता जैसे मुद्दों पर केंद्रित है.
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