रांची। अंतरराज्यीय गिरोह का सरगना अमन श्रीवास्तव को आखिरकार एटीएस ने कार्रवाई करते हुए पकड़ लिया है। अमन को एटीएस की टीम ने मुंबई से गुप्त सूचना पर पकड़ा है। एटीएस की टीम बुधवार को अमन श्रीवास्तव को लेकर फ्लाइट से रांची आ रही है। एटीएस की टीम ने ट्रांजिट रिमांड ले लिया है। गिरफ्तार अमन श्रीवास्तव पर 23 जघन्य अपराध के मामले दर्ज है।
पिता की हत्या के बाद बड़े बेटे ने संभाली थी गिरोह की कमान
हजारीबाग कोर्ट परिसर में सुशील श्रीवास्तव की हत्या के बाद बड़े बेटे अमन श्रीवास्तव ने गिरोह की कमान संभाल ली थी। 2 जून 2015 कोएके-47 से मारकर हत्या हुई थी। उसके मददगार बने बोकारो जेल में बंद अमरेंद्र तिवारी और रामगढ़ का लखन साव। अमन के इशारे पर 26 अक्तूबर 2016 को किशोर पांडेय के बुजुर्ग पिता कामेश्वर पांडेय की हत्या पतरातू में कर दी गयी थी। अपराध से दूर रहनेवाले कामेश्वर पांडेय की हत्या के ठीक बाद एक शूटर को भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला था। हत्याकांड के बाद अमन श्रीवास्तव ने इस वारदात को अंजाम दिलवाने की बात खुद कबूली थी। श्रीवास्तव गैंग और पांडेय गिरोह में वर्चस्व की लड़ाई लंबे समय से है। दोनों गिरोहों के सरगना क्रमशः सुशील श्रीवास्तव और भोला पांडेय।
किशोर पांडेय की हत्या के दौरान पुलिस की कमजोरियां सार्वजनिक हैं। भोला पांडेय और सुशील श्रीवास्तव की हत्या तो तब की गयी, जब दोनों पुलिस की हिरासत में थे। किशोर पांडेय की हत्या भी तब की गयी, जब वह एक पुलिस अफसर से मिल कर घर जा रहा था। किशोर की हत्या के बाद जहां विकास तिवारी पांडेय गिरोह का हेड बन गया, वहीं सुशील श्रीवास्तव की हत्या के बाद उसका बेटा अमन श्रीवास्तव गिरोह का सरगना बना है।