राज्य में 400 मेगावाट बिजली की खपत बढ़ने से लोड शेडिंग बढ़ी
डीवीसी कमांड एरिया में 250 मेगावाट कम हुई बिजली की सप्लाई
पावर ट्रेडिंग कॉरपोरेशन से 10 रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीदने की तैयारी
2500 मेगावाट पहुंच गई है राज्य में बिजली की डिमांड
रांची : पूरे झारखंड में प्रचंड गर्मी पड़ रही है. कड़ी धूप मानो आसमान से आग बरसा रही है. दिन-रात गर्मी सितम ढ़ा रही है. इस दौरान बिजली भी घंटों गुल जा रही है. ऐसे में गर्मी के साथ-साथ बिजली भी आम लोगों को रुला रही है. पावर कट के कारण पूरे झारखंड में बिजली-पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. शहरी इलाकों में 4 से 6 घंटे तक बिजली गायब रह रही है, वहीं ग्रामीण इलाकों में 5 से 8 घंटे तक बिजली नहीं रह रही. भीषण गर्मी की वजह से राज्य में 400 मेगावाट बिजली की खपत बढ़ गई है. अचानक बढ़े लोड के कारण बिजली विभाग को लोड शेडिंग करना पड़ रहा है. इस वजह से घंटों बिजली गायब रह रही है. डीवीसी के कमांड एरिया में स्थिति और बदतर है.
दूसरे स्त्रोतों से मिलने वाली बिजली में 100 मेगावाट तक की कमी
सामान्य दिनों में झारखंड की बिजली खपत 1900 से 2000 मेगवाट तक रहती है. मगर पीक गर्मी में डिमांड बढ़कर यह 2500 मेगावाट तक बढ़ गयी है. फिलहाल झारखंड को आम दिनों से 300 से 350 मेगावाट तक बिजली कम मिल रही है. वहीं अन्य श्रोत से मिलने वाली बिजली में भी 50 से 100 मेगावाट तक की कमी दर्ज की गई है. इस तरह करीब 400 मेगावाट बिजली की कमी दर्ज की जा रही है. ऐसे में अब झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) पावर ट्रेडिंग कॉरपोरेशन से बिजली लेने की तैयारी कर रहा है. जेबीवीएनएल ने 10 रूपए प्रति यूनिट महंगे दर पर बिजली खरीदकर हालात को सामान्य करने की तैयारी शुरू कर दी है.
7 जिलों में 6 से 8 घंटे पावर कट
डीवीसी अपने कमांड एरिया धनबाद, बोकारो, रामगढ़, गिरिडीह, चतरा, कोडरमा, हजारीबाग में 250 मेगावट की बिजली कटौती कर रहा है. इसके कारण कमांड एरिया में 6 से 8 घंटे तक पावर कट हो रहा है. वहीं लोकल फॉल्ट की वजह से समस्या और बढ़ गई है. डीवीसी अपने कमांड एरिया में करीब 800 मेगावाट बिजली आपूर्ति करता है, लेकिन बकाया के कारण वह अभी 250 मेगावाट बिजली कम दे रहा है.
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