गुमला. सदर अस्पताल में एक बार फिर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा है और इस बार एक महिला की जान गई है. एक महिला की मौत होने पर उसके परिवार वालों ने आरोप लगाया कि मरीज़ को ऑक्सीजन के बगैर एंबुलेंस तक पहुंचाने के साथ ही एंबुलेंस सेवा के लिए खर्च परिजनों से मांगा गया. दूसरी तरफ अस्पताल प्रबंधन ने आरोप खारिज करते हुए कहा है कि हड़बड़ी में परिवार वाले अपने ढंग से ही मरीज़ को एंबुलेंस तक लेकर गए. आरोपों के बीच अस्पताल के एक कर्मचारी की पिटाई भी कर दी गई और बाद में पुलिस ने किसी तरह मामला शांत करवाया.
मामले के मुताबिक रायडीह प्रखंड के बिरकेरा गांव की 35 वर्षीय सुनीता विकास साहू का इलाज कमज़ोरी और खांसी रहने के कारण लगभग 3 दिनों से सदर अस्पताल में चल रहा था. हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने सोमवार सुबह सुनीता देवी को रांची रेफर कर दिया. मरीज़ को किसी तरह एंबुलेंस में लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. इसके बाद अस्पताल प्रबंधन पर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने अस्पताल परिसर में हंगामा करते हुए ग्राहक सेवा डेस्क पर बैठे एक कर्मचारी की पिटाई भी कर दी.
आरोप और प्रत्यारोप
परिजनों ने कहा कि मरीज़ सुनीता को बिना ऑक्सीजन लगाए नीचे एंबुलेंस तक लाया गया. यही नहीं, ग्राहक सेवा कर्मी ने एंबुलेंस में पेट्रोल भरवाने का खर्च उठाने की बात कही, परिवार का आरोप है कि इस बहस के चलते भी मरीज़ को ले जाने में देर हुई. दूसरी ओर, स्वास्थ्य विभाग ने लापरवाही के आरोप का खंडन किया. अस्पताल के डॉक्टर ने कहा कि मरीज़ को परिजनों ने अपने स्तर पर एंबुलेंस तक पहुंचाया. बहरहाल, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अस्पताल प्रबंधन और परिजनों के बीच समझौता करवाकर मामले को शांत करवाया. गौरतलब है कि सदर अस्पताल गुमला में इलाज में लापरवाही के आरोप अक्सर लगते हैं.