अक्षय तृतीया : भारतीय मनीषियों ने जो व्रत बनाया है इसका मूल उद्देश्य व्यक्ति और समाज को पथ भ्रष्ट होने से बचाना है .भारतीय गणना के अनुसार चार स्वयं सिद्ध मुहूर्त हैं. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, अक्षय तृतीया, दशहरा एवं दीपावली.
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला यह व्रत अपने आप मे महत्वपूर्ण है. सनातन और जैन धर्म द्वारा मनाया जानेवाला महत्वपूर्ण वसंत त्यौहार का प्रतीक है अक्षय तृतीया अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जानते है, जो कि धर्मग्रंथों के अनुसार एक शुभ दिन है. यह सौभाग्य, सुख और समृद्धि का त्योहार माना जाता है.इस दिन भगवान विष्णु, गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है. संस्कृत में ‘अक्षय’ शब्द अनंत और शाश्वत का प्रतीक है, जो इस तिथि से जुड़े भाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.
इस दिन नए उद्योग, व्यवसाय नई नौकरी, नए निवास में जाना, वाहन लेने का एक शुभ समय है. साथ ही यह दिन हमारे पूर्वजों को सम्मान देने और उनका आशीर्वाद लेने का भी दिन है. कुछ नया शुरू करने के लिए यह दिन सबसे अच्छे दिनों में से एक माना जाता है. इस दिन सोना, चांदी जैसी कीमती सामान खरीदने का विधान है. मान्यता है कि यह परिवार में समृद्धि और सौभाग्य लाता है.
इस दिन देवताओं की पूजा आराधना, अनुष्ठान करने का विधान है. गंगा जी स्नान, पंखा, जल से भरा घड़ा,मौसमी फल का दान जरूर करना चाहिए. अक्षय तृतीया पर गुप्त दान का विशेष महत्व है. इस दिन कोहड़े या तरबूज के अंदर शक्ति और भक्ति के अनुसार सोना रखकर दान करने से भी अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. जितना हो सके जरूरतमंदों को भी दान दें.
इस तिथि का महत्व भी अक्षय ही माना गया है इस दिन ही महर्षि वेदव्यास जी ने महाभारत की कथा शुरू किया और भगवान गणपति ने इसे लिखना प्रारंभ किया था. जिसमे गीता भी समाहित है. माता गंगा इसी दिन धरती पर अवतरित हुई थीं. इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व माना जाता है. इसी दिन युधिष्ठिर को अक्षय पात्र मिला था. इस पात्र का भोजन कभी समाप्त नहीं होता था .
अक्षय तृतीया के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की लाज भी बचाई थी. इसी दिन ही सुदामा अपने मित्र भगवान कृष्ण से मिले थे. भगवान कृष्ण भाव के भूखे उनके प्रेम से प्रसन्न होकर उनकी झोपड़ी को महल बना दिया था.
इस वर्ष अक्षय तृतीया 10 मई को मनाया जाएगा. प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य प्रणव मिश्रा ने बताया कि ऋषिकेश पञ्चाङ्ग के अनुसार 10 मई को सूर्योदय के समय में तृतीय होने से 10 मई को ही मनाया जाएगा यह व्रत. वैसे त्रितया तिथि संध्या 04 37 तक मिनेट तक है. सूर्योदय त्रितया में होने से दिन भर होगा शुभ मुहूर्त. इसी दिन परसुराम जी का जन्मदिन भी मनाया जाता है. सतयुग, त्रेतायुग का आरंभ भगवान विष्णु का अवतार, द्वापरयुग का समापन , गंगा का आगमन और बद्री नाथ का कपाट खुलने का दिन है.
इस अवसर में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य किया जा सकता है. कोई नई वस्तु खरीदना हो, विवाह मुंडन, जनेऊ, गृहप्रवेश आदि में मुहूर्त देखने की कोई जरुरत नहीं पड़ती है. पर इस वर्ष गुरुअस्त होने से विवाह आदि कार्य वर्जित रहेगा. इस दिन किया गया दान या पूजा का अक्षय फल प्राप्त होता है. साथ में पितर सम्बन्धी भी कार्य किया जा सकता है.
इस दिन किसी पवित्र नदी या जल में स्नान और दान का महत्व है. साथ मे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन कमल और गुलाब का पुष्प अर्पण कर के किया जाना चाहिए. किसी मंदिर में जल, सरबत एवम् सत्तू का दान करना चाहिए साथ ही मौसम के अनुसार फल का दान का विशेष महत्व है. घड़ा में जल भर कर दान करना चाहिए. इस दिन कुछ धन अर्जन का भी महत्व है.
अक्षय तृतीय के शुभ दिन में व्यक्ति अपने राशि के अनुसार समान खरीद और दान कर सकता है.
मेष राशि :- सोना पीतल तांबा खरीदें और बास का पंखा दान कर सकते है.
वृष :- चांदी सफेद वस्तु खरीदें और सरबत चना का दान कर सकते हैं.
मिथुन राशि :– सोना पीतल और मूर्ति किसी बैंक का शेयर खरीदें और हरा फल सब्जी दान कर सकते है.
कर्क राशि :- चांदी के बर्तन सिक्का आभूषण खरीदें और दूध का दान कर सकते है.
सिंह राशि :- सोना तांबा इलेक्ट्रिक संबंधित शेयर ले सकते हैं, और मौसम के अनुसार फल खरीदें और दान कर सकते हैं.
कन्या राशि :- बैंक का शेयर, चांदी, पीतल वस्त्र और सब्जी खरीदें और दान कर सकते हैं.
तुला राशि :- चांदी सिक्का इलेक्ट्रॉनिक समान खरीद और दान कर सकते है.
वृश्चिक राशि :- सोना पीतल और चना खरीद और दान कर सकते हैं.
धनु राशि :- चांदी के बर्तन सिक्का और पीली वास्तु मिटी का वास्तु खरीद और दान कर सकते हैं.
मकर राशि :- सोना लोहा और जल का उपकरण खरीद और दान कर सकते है. कोई भी मचुअलफण्ड में पैसा लगा सकते हैं.
कुम्भ राशि :- सोना चांदी के सिक्का और वाहन जमीन खरीद और सत्तू मौसमी फल का दान कर सकते हैं.
मीन राशि :- सोना पीला वास्तु धार्मिक पुस्तक घर खरीद आम का सरबत दान कर सकते हैं.
प्रसिद्ध ज्योतिष
आचार्य प्रणव मिश्रा
आचार्यकुलम, अरगोड़ा, रांची
8210075897
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