नई दिल्ली : मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण उड़ान में देरी और रद्दीकरण को लेकर मची अफरा-तफरी के बीच नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने सोमवार को विमान सेवा कंपनियों को उन उड़ानों को रद्द करने की अनुमति दे दी, जिनमें तीन घंटे से अधिक की देरी होने की संभावना है. एक अधिकारी ने बताया कि विमानन नियामक ने नई मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) भी जारी की है. एसओपी में कहा गया है कि बोर्डिंग से इनकार, उड़ान रद्द होने और उड़ान में देरी के कारण यात्रियों को एयरलाइंस द्वारा सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.
बता दें कि एसओपी एक रूपरेखा तैयार करती है जो एयरलाइनों को विस्तारित देरी के दौरान यात्रियों को होने वाली असुविधा को कम करने के लिए विशिष्ट उपायों का पालन करने के लिए बाध्य करती है, खासकर प्रतिकूल मौसम की स्थिति के मद्देनजर. एसओपी के प्रमुख प्रावधानों में से एक यह है कि एयरलाइंस को सभी उड़ान टिकटों पर सीएआर (सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स) के संदर्भ को प्रमुखता से प्रदर्शित करना होगा. यह सुनिश्चित करता है कि यात्रियों को उनके अधिकारों और उड़ान रद्द होने या देरी की स्थिति में अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं के बारे में जागरूक किया जाए.
गौरतलब है कि दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पिछले दो दिनों में भारी व्यवधान का सामना करना पड़ा है, लगभग 600 उड़ानों में देरी हुई है, और घने कोहरे और खराब दृश्यता के कारण 76 उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. इससे देश के हवाईअड्डों पर व्यापक प्रभाव पड़ा है. सूत्रों के अनुसार, अव्यवस्था का मुख्य कारण हवाईअड्डे के रनवे की सीमित परिचालन क्षमता है.