नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण और जहरीली हवा का कहर लगातार जारी है. वायु गुणवत्ता आज भी क्रिटिकल है. राष्ट्रीय राजधानी और आस-पास के इलाकों में बढ़ता प्रदूषण खतरे की घंटी बजा रहा है. दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद समेत एनसीआर के इलाकों में हवा की गुणवत्ता यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) गंभीर श्रेणी में है. प्रदूषण के लिहाज से यह स्थिति दिल्ली वालों के लिए खतरे से कम नहीं है.

वहीं बढ़ते पॉल्यूशन के कारण सरकार ने ऑड ईवन लागू करने के साथ ही प्राइमरी स्कूलों को बंद करने का फैसला किया है. इस बीच प्रदूषक, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) में भी बढ़ोतरी होने लगी है, जो चिंता का संकेत दे रहा है. नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक अगले पांच दिनों तक धुंध और गंभीर वायु प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद कम है

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार बुधवार को आरके पुरम में 433, पंजाबी बाग में 460 और आईटीओ में 413 दर्ज किया गया है. आज प्रदूषण की स्थिति कल के मुकाबले ज्यादा खराब है. वहीं मुंबई में ही प्रदूषण के कारण हाल बुरा है. बीकेसी में एक्यूआई 200, चेंबूर 150, अंधेरी 112, विले पार्ले 175, मलाड 170, बोरीवली 103, मुलुंड 126, वर्ली 140, कोलाबा में 157 दर्ज किया गया है. मौसम एजेंसी aqicn.org ने दिल्ली के आनंद विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक 999 मापा, जबकि दिल्ली के अन्य हिस्से ‘गंभीर’ स्थिति में रहे.

सीपीसीबी के आंकड़ों से यह भी पता चला है कि महीने (नवंबर 2023) के पहले सात दिनों में दिल्ली की औसत NO2 सांद्रता तेजी से बढ़ी है, जो 2 नवंबर से चल रही शांत हवा की स्थिति के कारण और बढ़ गई है. नवंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली की औसत NO2 सांद्रता 54.7µg/m3 थी, जो पिछले महीने की औसत NO2 सांद्रता 37.3µg/m3 से लगभग 47% अधिक है. भले ही 24 घंटे की सांद्रता राष्ट्रीय मानक 80 से कम है लेकिन फिर भी नवंबर में औसत सांद्रता विश्व स्वास्थ्य संगठन की 25µg/m3 की सीमा से दो गुना अधिक है.

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