Joharlive Desk

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना 8 अक्तूबर को अपनी 88वीं वर्षगांठ मना रही है। हिंडन एरयबेस पर वायुसेना परेड की शुरुआत हो गई है। थोड़ी देर में राफेल, सुखोई, एलसीए तेजस के साथ दूसरे विमान दुनिया को भारत की ताकत दिखाएंगे। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वायु वीरों को शुभकामनाएं दीं। वहीं वायुसेना एक प्रमुख क्षेत्रीय बल के रूप में उभरा है जिसने समय-समय पर अपनी क्षमताओं को साबित किया है। इसका हालिया उदाहरण बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक है। भारतीय वायुसेना ने नियंत्रण रेखा पर स्थित आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर दिया था।

वायुसेना प्रमुख चीफ एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने वायुसेना दिवस के मौके पर कहा, ‘आज हम 89वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। भारतीय वायुसेना परिवर्तनकारी दौर से गुजर रही है। हम एक ऐसे युग में प्रवेश कर रहे हैं, जहां हम एयरोस्पेस पावर को नियोजित करेंगे और एकीकृत मल्टी-डोमेन का संचालन करेंगे। यह वर्ष वास्तव में अभूतपूर्व रहा है। कोविड-19 दुनिया भर में फैला, ऐसे में हमारे देश की प्रतिक्रिया दृढ़ थी। हमारे वायु योद्धाओं के तप और संकल्प ने यह सुनिश्चित किया कि वायुसेना इस अवधि के दौरान पूर्ण पैमाने पर संचालन करने की अपनी क्षमता को बनाए रखे। मैं राष्ट्र को आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारतीय वायु सेना विकसित होगी और देश की संप्रभुता और हितों की रक्षा के लिए सभी परिस्थितियों के लिए हमेशा तैयार रहेगी। मैं उत्तरी सीमा पर हाल के गतिरोध में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए सभी वायु योद्धाओं की सराहना करता हूं। हमने किसी भी परिस्थिति को संभालने के लिए अल्प सूचना (शॉर्ट नोटिस) पर अपने कॉम्बैट एसेट्स की तैनात की और भारतीय सेना की सभी आवश्यकताओं को पूरा किया।’

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