नई दिल्ली: केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर नियंत्रण के लिए विधेयक लाने की तैयारी कर रही है. इस रिपोर्ट के आने के बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा कि सबसे पहले, जब संसद सत्र चल रहा होता है तो केंद्र सरकार संसदीय सर्वोच्चता और विशेषाधिकारों के खिलाफ काम कर रही होती है. इस दौरान मीडिया को सूचित कर रही होती है और संसद को सूचित नहीं कर रही होती है. मैं कह सकता हूं कि इस प्रस्तावित संशोधन के बारे में मीडिया में जो कुछ भी लिखा गया है, उससे पता चलता है कि मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को खत्म करना चाहती है. इसमें हस्तक्षेप करना चाहती है. यह अपने आप में धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि भाजपा शुरू से ही इन बोर्डों और वक्फ संपत्तियों के खिलाफ रही है और उनका हिंदुत्व एजेंडा है. अब अगर आप वक्फ बोर्ड की स्थापना और संरचना में संशोधन करते हैं, तो प्रशासनिक अराजकता होगी. वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता खत्म होगी और अगर सरकार का नियंत्रण वक्फ बोर्ड पर बढ़ता है, तो वक्फ की स्वतंत्रता प्रभावित होगी. उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट में लिखा गया है कि अगर कोई विवादित संपत्ति है, तो ये लोग कहेंगे कि संपत्ति विवादित है, हम इसे हासिल कर लेंगे. सर्वे भाजपा, मुख्यमंत्री द्वारा कराया जाएगा और आपको पता है कि इसका परिणाम क्या होगा. हमारे भारत में कई ऐसी दरगाहें हैं, जहां भाजपा-आरएसएस दावा करता है कि वे दरगाह और मस्जिद नहीं हैं. इसलिए कार्यपालिका न्यायपालिका की शक्ति छीनने की कोशिश कर रही है.