नई दिल्ली: जापान की राजधानी टोक्यो में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को एडोगावा के फ्रीडम प्लाजा में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया. लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गांधीजी के संदेश कालातीत हैं. मैं आज कहूंगा कि ऐसे समय में जब हम दुनिया में इतना संघर्ष, इतना तनाव, इतना ध्रुवीकरण, इतना रक्तपात देख रहे हैं, गांधीजी का वह संदेश बहुत महत्वपूर्ण है. जिसमें उन्होंने कहा था समाधान युद्ध के मैदान से नहीं आते हैं, कोई भी युग युद्ध का युग नहीं होना चाहिए. यह संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना 80 साल पहले था.
सतत विकास के थे मूल पैगम्बर
गांधीजी को सतत विकास का मूल पैगम्बर बताते हुए विदेश मंत्री ने कहा, स्थायित्व, जलवायु प्रेम, हरित विकास, हरित नीतियों के संदर्भ में गांधीजी सतत विकास के मूल पैगम्बर थे. वे प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाकर जीने के सबसे बड़े पैरोकार थे. इसलिए गांधीजी का संदेश केवल सरकारों के लिए नहीं है, बल्कि हर किसी को अपनी जीवन शैली में अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से गांधीजी समावेशिता के पैरोकार थे और यही हम आज भारत और दुनिया भर में देख रहे हैं. उन्होंने कहा, महात्मा गांधी की उपलब्धियां उनके समय से कहीं अधिक आगे की हैं, समय बीतने के साथ उनका महत्व और भी बढ़ गया है.
दो दिवसीय यात्रा पर गए जापान
इससे पहले भारतीय दूतावास ने एक्स पर कहा, विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर दो दिवसीय यात्रा पर जापान पहुंचे और राजदूत सिबी जॉर्ज ने उनका स्वागत किया. टोक्यो में, विदेश मंत्री सोमवार को क्वाड के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे. वहीं आज अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे.