रांची: आम लोगों के लिए प्रत्येक वर्ष राजभवन उद्यान खोला जाता है. जिसका अवलोकन लोग करते हैं. हालांकि पिछले 2 वर्षों से कोरोना महामारी के कारण इस उद्यान को नहीं खोला गया था. लेकिन इस बार कोरोना के कम होते रफ्तार को देखते हुए. 21 मार्च से 27 मार्च 2022 तक आम लोगों के लिए यह उद्यान खोला जा रहा है. राजभवन उद्यान कई मायनों में खास है. यह देश के अन्य राज्य के राजभवन परिसर से एकदम अलग है. जो भी राज्यपाल यहां आये. उन्होंने इस राजभवन का विस्तार ही किया है. इस वर्ष यह उद्यान 21 मार्च 2022 से 27 मार्च तक खोला जा रहा है. प्रतिदिन सुबह 10:00 से शाम 4:00 बजे तक लोग इसका अवलोकन कर सकते हैं. उद्यान में प्रवेश राजभवन के गेट नंबर 2 से होगा. इस दौरान कोविड-19 को लेकर जारी प्रोटोकॉल का ख्याल रखना होगा.
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52 एकड़ में फैले राजभवन उद्यान की खूबसूरती काफी खास है. अलग-अलग किस्मों के रंग बिरंगे फूलों और खास पेड़ पौधों के बीच तस्वीर खींचने और खींचाने की लोगों के बीच होड़ लगी रहती है. इस उद्यान में 200 से अधिक किस्म के फूल हैं. जिसमें 100 प्रकार के गुलाबों की ही सिर्फ वैरायटी है. कई विदेशी फूल भी मौजूद हैं. विश्व भर के 55 प्रकार के सुगंधित और आकर्षक फूलों का बगीचा यहां मौजूद है. रुद्राक्ष, कपूर के पेड़ का भी दीदार यहां किया जा सकता है. इस राजभवन उद्यान में कई दुर्लभ प्रजाति के औषधीय पेड़ पौधे भी है. यहां कल्पतरु, कबाबचीनी, दालचीनी, तेजपत्ता, लॉन्ग, धृत कुमारी, अमृतांजन, लेमनग्रास, कपूर, अकरकरा, गुलमर्ग, चंदन सहित कई अन्य पौधे मौजूद हैं.
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वहीं म्यूजिकल और सामान्य फाउंटेन भी यहां लगाए गए हैं, जो इस राजभवन उद्यान को और आकर्षक बनाता है. झारखंड के चौथे राज्यपाल वेद मारवाह ने साल 2004 में राजभवन का द्वार पहली बार स्कूली बच्चों के लिए खोला था. इसके बाद साल 2005 में इसका दायरा बढ़ाकर आम लोगों के लिए राजभवन का गेट खोला गया. राजभवन के उद्यान को आकर्षक बनाने में यहां के राज्यपालों की अहम भूमिका रही है. बच्चों की तरह यहां पेड़ पौधों का ख्याल रखा जाता है. राजभवन उद्यान अधीक्षक अब्दुल सलाम 1990 से उद्यान को हरा-भरा बनाने में जुटे हुए हैं और इसका ख्याल भी वो बेहतर तरीके से रखते हैं.