रांची : झारखंड के सभी 24 जिलों में अलर्ट जारी किया है। सभी जिलों की पुलिस को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। रांची में हिंसा प्रभावित इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मेन रोड में सुजाता चौक से अलबर्ट एक्का चौक तक धारा 144 लागू है। अब तक किसी की गिरफ्तारी की आधिकारिक घोषणा पुलिस की ओर से नहीं की गई है। सूत्र दावा कर रहे हैं कि पुलिस ने अराजक तत्वों की तलाश के लिए टीम गठित कर छापेमारी शुरू कर दी है। इंटरनेट सेवा को अभी बंद ही रखा गया है।
पुलिस की पहली प्राथमिकता विधि-व्यवस्था कायम रखने पर है। प्रभावित इलाकों के साथ-साथ कई संवेदनशील इलाकों में भी पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। रांची जिले के प्रशासनिक सूत्रों की माने तो राजधानी को अशांत करने की साजिश रामनवमी के समय से ही रची जा रही थी। नूपुर शर्मा को लेकर पैदा हुए ताजा विवाद से अराजक तत्वों को मौका मिल गया।
प्रशासन के आला अधिकारियों की तरफ से कहा गया है कि फिलहाल वह इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दे सकते। मामले की जांच की जा रही है।
रांची के DIG अनीश गुप्ता ने कहा कि फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में हैं। घटना कैसे हुई। इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन का पूरा जोर विधि-व्यवस्था कायम रखने पर है। हम जनता से सहयोग की अपील कर रहे हैं। घटना के पीछे साजिश होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह बात जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी।
शुक्रवार को रांची के मेन रोड में जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़क गई थी। पुलिस को हालात संभालने के लिए फायरिंग करने पड़ी। अराजक तत्वों की तरफ से पत्थर फेंके गए। तोड़फोड़ की गई। आगजनी की गई। इसमें 2 लोगों की मौत हो गई। 13 लोग घायल हैं।
रांची में बिना अनुमति निकाला गया जुलूस
रांची में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। दैनिक भास्कर की ओर से पूछे सवाल के जवाब में शनिवार को रांची सदर के अनुमंडल पदाधिकारी दीपक कुमार दुबे ने बताया कि, जुलूस निकालने की अनुमति नहीं ली गई थी। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर मेन रोड में एकरा मस्जिद के सामने सुरक्षा इंतजाम किए थे। मस्जिद के इमाम की ओर से कहा गया था कि किसी भी प्रकार का कोई जुलूस नहीं निकाला जाए। इसके बावजूद जुलूस निकला। मौके पर मौजूद पुलिस बल जुलूस को नहीं रोक सका। प्रशासन को खुद माहौल बिगड़ने का अंदाजा नहीं था।
अराजक तत्वों की पहचान करने में जुटी पुलिस
हिंसा में शामिल लोगों की पहचान करने में पुलिस जुट गई है। इसके लिए मीडिया रिपोर्ट को आधार बनाया जा रहा है। कैमरे में कैद हुई तस्वीरों की मदद से हिंसा में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है।अब तक की पड़ताल में यह भी पता चला है कि भीड़ के आगे-आगे चलने वाले अधिकांश युवाओं की उम्र 16 से 25 वर्ष के करीब थी। यह लोग कुछ स्थानीय नेताओं के बहकावे में जुलूस में शामिल होने के लिए ही आए थे।