देहरादून : उत्तरकाशी टनल हादसे के बाद एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राज मार्ग प्राधिकरण) ने देश में बन रहे दो दर्ज़न से अधिक सुरंगों का सेफ्टी ऑडिट कराने का फैसला किया है.
देश के मजदूर संगठनों ने कहा है कि उत्तरकाशी के टनल में 41 लोगों के फंसने के वाकये से ये एक बार फिर सामने आ गया है कि सरकार मज़दूरों की सुरक्षा को लेकर ‘कितना ग़ैरज़िम्मेदाराना रवैया’ रखती है. 11 ट्रेड यूनियनों और सेक्टोरल फेडरेशनों के बयान में कहा गया है, “केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और सेक्टोरल फेडरेशन/एसोसिएशन उत्तराकाशी का सिल्क्यारा सुरंग ढहने में प्रशासन की विफलता पर दुख व्यक्त करता है.”
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, कर्मचारी संगठनों का कहना है कि वर्कप्लेस पर सुरक्षा के मामले में क़ानून कितने कमज़ोर हैं इस घटना ने उसे उजागर कर दिया है. सिल्क्यारा टनल में जो हुआ है वो ऐसी तमाम घटनाओं में से एक है. यूनियन का कहना है कि केंद्र की ओर से जो टीम पूरे ऑपरेशन की निगरानी के लिए भेजी गयी वो काफ़ी देरी से पहुंची.
बयान में कहा गया, “लंबी सुरंगों के निर्माण में एक बचाव टनल तैयार किया जाता है और ये टनल इमरजेंसी प्लान का हिस्सा होता है, ये ज़रूरी होता है. लेकिन सिल्क्यारा टनल बनाते समय इसकी कोई योजना ही नहीं की गयी.”
इसे भी पढ़ें: DeepFake : 10 दिन के अंदर बनेगा नया कानून, टेक कंपनियों के साथ सरकार की बैठक में लिए गये निर्णय
रांची: देश के तीन सर्वश्रेष्ठ थाना में से एक अवार्ड झारखंड के गिरिडीह जिला अंतर्गत…
जामताड़ा: संविधान दिवस के अवसर पर जामताड़ा पुलिस द्वारा संविधान की उद्देशिका का पाठ कर…
रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की चुनावी जीत के बाद, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पत्नी…
गोड्डा: अदाणी अन्नपूर्णा कार्यक्रम के अंतर्गत 26 नवंबर को डुमरिया पंचायत भवन में वर्मी कम्पोस्ट…
चंडीगढ़: 26 नवंबर को चंडीगढ़ से एक सनसनीखेज घटना सामने आई है. यहां फेमस रैपर…
रांची: झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी दो दिवसीय संथाल दौरे पर पहुंचे. उन्होंने सबसे…
This website uses cookies.