धनबाद: जिले के एक निजी अस्पताल में बुधवार को मृतक के परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि तबीयत बिगड़ने के बाद मरीज को अस्पताल लाया गया था, लेकिन इलाज के बजाय डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. जबकि घर लौटकर देखा तो सांसें चल रही थीं. इसके बाद जब परिजन अस्पताल लेकर गए, तो मरीज की मौत हो गई.

दरअसल, कतरास के दरदा बस्ती के रहने वाले 45 साल के मो. शरीफ अंसारी अपनी ड्यूटी से बकरीद की नमाज अदा करने घर पहुंचे थे. इस दौरान उसकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद परिजन इलाज के लिए कतरास के निचितपुर नर्सिंग होम लेकर पहुंचे. यहां पहुंचने के बाद शरीफ को डॉक्टर की ओर से मृत घोषित कर दिया गया. डॉक्टरों के ऐसे मृत घोषित किए जाने के बाद परिजन उसे घर ले गए. परिजनों का कहना है कि घर पहुंचने के बाद शरीफ की सांसें चल रही थीं. बस ये देखते ही परिजन तुरंत मरीज को निचितपुर नर्सिंग होम ले आए. वहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर अगर सही से उसकी जांच करते, तो उसकी जान बच सकती थी.

मरीज की मौत के बाद हंगामा
मृतक मो. शरीफ बीसीसीएल की बरोरा एरिया वन मुराईडीह कोलियरी के अधीन चलने वाले संजय उद्योग प्राइवेट लिमिटेड में कार्यरत था. मौत के बाद परिजन और स्थानीय लोग शव को लेकर कंपनी पहुंच गए.

परिजनों ने संजय उद्योग प्राइवेट लिमिटेड का कार्य पूरी तरह से बाधित कर दिया है. मृतक के आश्रितों को नियोजन देने की मांग पर परिजन अड़े हैं. परिजनों का कहना है कि शरीफ ड्यूटी से हाजरी बनाकर अपने घर बकरीद की नमाज अदा करने गए थे. इसलिए नियमतः कंपनी को मृतक के आश्रित को नियोजन देना चाहिए.

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