रांची: मंदरो गांव में शनिवार को दो पक्षों के बीच हुई झड़प के बाद रविवार को पुलिस ने गांव में कैंप कर स्थिति नियंत्रण में कर रखा है. गांव में इस घटना के बाद सन्नाटा पसरा हुआ है. बेड़ो डीएसपी ने बताया कि अभी मंदरो गांव की स्थिति नियंत्रण में है. लोग इस विवाद को एक बहुत बड़ी गलतफहमी बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए. हालांकि पुलिस भी मामले की जांच में तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. दरअसल, शनिवार की शाम इस्कॉन धार्मिक प्रचार वाहन बस के साथ मंदरो गांव के रास्ते राधा गोविंद कीर्तन करते हुए चल रहे थे. इस दौरान सड़क के किनारे एक व्यक्ति घर के बाहर दूध दुह रहा था. दूध दुहने वाले पक्ष की माने तो इस दौरान प्रचार वाहन में हो रहे कीर्तन व आवाज की वजह से दूध दूह रहे व्यक्ति की गाय विदक गई. जिसके बाद दोनों पक्षों में वाद-विवाद शुरू हो गया. दोनों समुदाय के कुछ लोगों ने इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की. इसके बाद दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए और पथराव शुरू हो गया. दोनों ओर से धार्मिक नारेबाजी भी हुई. झड़प में नरकोपी थाना प्रभारी, जवान सहित कई लोग घायल हुए हैं.
साथ ही इस घटना को लेकर मंदरो, डुमरी और आस पास के कई गांव के बुद्धिजीवियों के साथ नरकोपी थाना में शांति बहाल करने की दिशा में पहल की गई और इसके लिए शांति समिति की बैठक की गई. जहां दोनों पक्षों के लोगों के बीच गलतफहमियां दूर करते हुए आपस में शांति और पहले की तरह सौहार्द्र से रहने की बात कही. लोगों ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे एक गलतफहमी बताया और दोषियों पर कार्रवाई किए जाने की बात कही. इधर घटना को लेकर घायल की ओर से नरकोपी थाना में आवेदन दिया गया है. मामले में पुलिस तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. इसके साथ ही गांव में शांति बहाल करने के लिए मांडर बीडीओ सुलेमान मुंडरी व डीएसपी रजत माणिक बाखला, बेड़ो इंस्पेक्टर तारकेश्वर प्रसाद व नरकोपी, बेड़ो, इटकी, मांडर, चान्हो के थाना पुलिस बल एक साथ कैंप कर रखे हैं.