रांची: सीआरपीएफ और नक्सली के बीच मुठभेड़ के दौरान ब्लास्ट होने की वजह से स्प्लिंटर (मेटल के छोटे टुकड़े) बच्चे के गर्दन में पीछे से जा लगी. यह जख्म इतना गहरा था की स्प्लिंटर ने बाल और अन्य फॉरेन बॉडी गर्दन की हड्डी को तोड़ते हुई स्पाइनल कॉर्ड को डैमेज कर दिया. जिससे बच्चे के दोनों हाथ और पैर में पैरालिसिस का असर हो गया. घटना चाईबासा जिला की हैं. घटना के अगले सुबह सीआरपीएफ के जवानों ने बच्चे को हेलीकॉप्टर से रिम्स पहुंचाया. प्राइमरी इलाज और स्थिति नियंत्रित होने के बाद गुरुवार को रिम्स में डॉ सीबी सहाय के नेतृत्व में बच्चे का सफल ऑपरेशन किया गया. इस ऑपरेशन में न्यूरो सर्जरी विभाग से डॉक्टर आनंद प्रकाश, डॉ सौरभ बेसरा,डॉ दीपक, डॉ विकास कुमार, डॉ रवि डॉ मयंक और एनेस्थीसिया विभाग से डॉ प्रियंका, डॉ अर्चना, डॉ हरिस, डॉ संगीता, डॉ सादाब, ओटी स्टाफ और नर्स में सुनील मंटू प्रभात विनीता आदि शामिल रहे. इससे पूर्व मरीज को ऑपरेशन के उपरांत वेंटिलेटर पर रखा गया है, ताकि स्पाइनल कॉर्ड की सूजन कम हो सकें.