रांची: ऊर्जा विभाग ने बिजली व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दिया है. जिसके तहत ट्रांजेक्शन एडवाइजर की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई है. ट्रांजेक्शन एडवाइजर के माध्यम से पहले बिजली विभाग की सभी परिसंपत्तियों का आकलन किया जायेगा. परिसंपत्तियों के आकलन में बिजली विभाग की जमीन, ट्रांसफार्मर, बिजली पोल, मैन पावर सहित सभी एसेट का आकलन किया जायेगा.
ऊर्जा विभाग ने शुरू की प्रक्रियाझारखंड बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक केके वर्मा ने पीपीपी मोड पर लोगों को सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण बिजली मिलने की बात कहते हुए कहा कि यह प्रक्रिया प्रारंभ की गई है. दिल्ली, मुम्बई और दूसरे बड़े शहरों की तर्ज पर सबसे पहले रांची और जमशेदपुर में पीपीपी मोड पर बिजली व्यवस्था दी जायेगी, जिससे उपभोक्ता को निर्वाध बिजली मिलेगी. वहीं सरकार को भारी भरकम राजस्व की भी प्राप्ति होगी.
घाटे से उबड़ने में यह सहायकइधर सरकार के मंत्री आलमगीर आलम ने भी पीपीपी मोड पर बिजली व्यवस्था दिये जाने के प्रस्ताव को सही बताते हुए कहा कि घाटे से उबड़ने में यह सहायक होगा और लोगों को क्वालिटी बिजली मिलेगी..
निजीकरण पर राजनीति शुरू
इधर, शराब के बाद बिजली को निजी हाथों में सौंपे जाने की तैयारी पर सियासत तेज हो गया है. सत्तारूढ़ दल झामुमो ने जहां इसे सही बताया है. वहीं, विपक्षी दल बीजेपी ने सरकार के इस कदम की जमकर आलोचना की है. जेएमएम महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने केन्द्र की पावर पॉलिसी के तहत राज्य सरकार के द्वारा कदम बढाये जाने की बात कहते हुए इसका स्वागत किया है. वहीं, बीजेपी प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने राज्य सरकार के इस कदम को घातक बताते हुए इससे बिजली की गुणवत्ता में और गिरावट होने की संभावना जताई है.
पहले भी हुए हैं प्रयास
बिजली वितरण व्यवस्था निजी कंपनियों को सौंपे जाने का विरोध होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. इससे पूर्व वर्ष 2012 में तत्कालीन अर्जुन मुंडा की सरकार ने रांची और जमशेदपुर में बिजली वितरण का कार्य निजी कंपनियों को सौंपने का निर्णय किया था. इसपर काम भी तेज हुआ था लेकिन 2015 में इसे रद्द कर दिया गया. फिर 25 फरवरी 2019 को ऊर्जा विकास निगम के निदेशक बोर्ड की बैठक में इस बाबत निर्णय लिया गया जिसके बाद सरकार ने कदम बढ़ाने शुरू कर दिये हैं.
शराब की बिक्री भी निजी हाथों में
झारखंड में 1 अगस्त से निजी हाथों में शराब की बिक्री शुरू हो जाएगी. सरकार ने शराब बिक्री निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया था. उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने झारखंड मदिरा का भंडारण और थोक बिक्री नियमावली-2021 के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी. सरकार की ओर से निर्धारित लाइसेंस की प्रक्रिया में भारी भरकम राशि जमा करनी होगी. 1 अगस्त से निजी हाथों में शराब बिक्री की हो रही तैयारी के लिए 21 अगस्त से आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी. सरकार ने टेंडर में शामिल होने के लिए आवेदन शुल्क के अलावा पांच वर्षों का अग्रिम लाइसेंस फी जमा करने को कहा है. आवेदन के साथ सिक्योरिटी मनी और लाइसेंस फी हर जिला के लिए अलग-अलग निर्धारित की गई है.