देवघरः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना का शिलान्यास किया. इस योजना के निर्माण पर 484.35 करोड़ रुपए खर्च आयेगा. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के शुरू हो जाने से देवघर और जामताड़ा जिले के चार प्रखंड के 27 पंचायत में रहने वाले 1,11,174 आबादी को लाभ होगा. वहीं सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना का लाभ यहां के किसानों को मिलेगा. जिससे उनकी फसल और पैदावार में बढ़ोत्तरी होगी. यह सिंचाई योजना इस क्षेत्र के लोगों के लिए मील का पत्थर साबित होगी.
विकास की जिम्मेवारी ली है सीएम ने
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के लोगों के विकास की जिम्मेवारी ली है. सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना का लाभ हजारों लोगों को मिलेगा. सिंचाई विभाग के ऊर्जावान सचिव प्रशांत ने ऐसा रास्ता निकाला कि बगैर किसी परिवार को विस्थापित किए हुए सिंचाई की सुविधा मिलेगी. विधायक हफीजुल हसन ने कहा 1980 से यह क्षेत्र दिशोम गुरू शिबू सोरेन का रहा है. झारखंड राज्य बनने के बाद ही आपको ये योजना देखने को मिल रही है.
गंगा का पानी भी पाइपलाइन से खेतों में पहुंचाएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमेशा यह बात सुनने को मिलती थी कि झारखंड के डैम, बराज और वॉटर रिजर्वॉयर के पानी का इस्तेमाल झारखंड के किसान नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के द्वारा किया जा रहा है. ऐसे में यहां के पानी का इस्तेमाल यहां के लोग करें. इस दिशा में कार्य योजना बनाकर उसके क्रियान्वयन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. आने वाले दिनों में गंगा नदी का पानी भी पाइपलाइन के जरिए खेतों में पहुंचेगा. इस दिशा में भी सरकार कार्य योजना बनाने की तैयारी में लग गई है.
पानी का समुचित इस्तेमाल हो सकेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सिंचाई परियोजनाओं के लिए नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल करने पर विशेष जोर दे रही है. ताकि, पानी का बेहतर और समुचित इस्तेमाल होने के साथ खेत-खलियान डूब क्षेत्र में ना आएं, इसलिए मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना के तहत भूमिगत पाइपलाइन के जरिए नदी, डैम और बराज का पानी खेतों में पहुंचाया जा रहा है. इस कड़ी में राज्य के पहले मेगालिफ्ट सिंचाई परियोजना की आधारशिला दुमका के मसलिया में रखी गई थी और आज देवघर के सारठ में सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का शिलान्यास करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है. मुझे इस बात की खुशी है कि इसी स्थान पर वर्ष 2013-14 में मैने अजय बराज का उद्घाटन किया था.
पहले योजनाएं बनती थी ,लेकिन पूरा होने में कई वर्ष लग जाते थे
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले भी सिंचाई के लिए कई योजनाएं बनी. उसका क्रियान्वयन भी हुआ. लेकिन, उसके पूर्ण होने में 30 से 40 साल लग गए. कई योजनाएं तो आज भी अधूरी है. योजनाओं के पूरा होने में ज्यादा समय लगने से उसकी लागत बढ़ जाती थी. सबसे बड़ी बात है कि जिन लोगों की जमीन, खेत -खलिहान इन परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित किए गए थे, उनका लाभ लेने के लिए वे लंबे समय तक इंतजार करते रहे पर उन्हें निराशा हाथ लगी. लेकिन हमारी सरकार सिंचाई समेत तमाम परियोजनाओं को समय पर पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है,ताकि लोगों को उसका ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके.
लोगों की भावनाओं और जरूरत के हिसाब से बना रहे हैं कार्य योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों के भावनाओं को समझते हैं. उनकी जरूरत को जानते हैं और उनकी समस्याओं से भी वाकिफ हैं. ऐसे में हमारी सरकार लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य योजना बनाकर काम कर रही है.
सरकार बनाते ही चुनौतियों से सामना
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 में जैसे ही हमारी सरकार बनी तो चुनौतियों से सामना शुरू हो गया. सबसे पहले वैश्विक महामारी कोरोना ने हमें अपनी गिरफ्त में ले लिया. कोरोना से निकले तो सुखाड़ का सामना करना पड़ा. लेकिन, इन तमाम चुनौतियों के बीच हमारी सरकार विकास की गति को रफ्तार देने का काम कर रही है.
जानिए सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना
-सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना के तहत अजय नदी बराज से भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी.
-इस योजना पर 484 करोड़ 35 लाख रुपए खर्च होंगे. निर्माण कार्य तीन वर्ष में पूरा होगा.
-देवघर जिले के सारठ और करों तथा जामताड़ा जिला के विद्यासागर और जामताड़ा प्रखंड के 27 पंचायतों के 1 लाख 11 हज़ार 174 किसान इस योजना से लाभान्वित होंगे.
-13 हज़ार 164 हेक्टेयर कृषि भूमि में पटवन की सुविधा उपलब्ध होगी.
-धान के अतिरिक्त दलहन और तिलहन के साथ रागी, ज्वार-मक्का जैसे फसलों की खेती के लिए सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी.
-अगर कभी भारी वर्षा हो और खेतों को उतनी पानी की जरूरत नहीं है तो उस पानी को अगल-बगल के जलाशयों में डाइवर्ट कर भरा जाएगा, ताकि उसका अन्य कार्यों में इस्तेमाल हो सके.