जोहानसबर्ग: भारत में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट ने भारी तबाही मचाई. देश में कोरोना की दूसरी लहर के पीछे डेल्टा वेरिएंट को ही कारण माना गया. इसी बीच भारत के अलावा दक्षिण अफ्रीका में भी कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. माना जा रहा है कि यहां कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है. विशेषज्ञों का कहना है कि दक्षिण अफ्रीका में कोरोना की तीसरी लहर के ज्यादातर मामले डेल्टा वेरिएंट के हैं.
देश के कार्यवाहक स्वास्थ्य मंत्री ममामोलोको कुबायी-न्गुबाने ने शनिवार को कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के हालात दूसरे से भी खराब हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर का कारण डेल्टा वेरिएंट बन सकता है. जानकारी के लिए बता दें कि दक्षिण अफ्रीका में 25 जून को कोरोना संक्रमण के 18,000 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे. जनवरी 2021 के बाद संक्रमित मरीजों का यह अब तक अधिकतम आंकड़ा है.
अधिकारियों के अनुसार दक्षिण अफ्रीका में कोरोना की दूसरी लहर का कारण बीटा वेरिएंट था. विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना का डेल्टा वेरिएंट सबसे पहले भारत में पाया गया था, जो संभावत: तीसरी लहर का कारण बन सकता है. उन्होंने कहा कि देश में लगभग एक तिहाई लोगों में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि हो चुकी है. कोरोना वायरस की तीसरी लहर का सबसे अधिक असर आर्थिक केंद्र गाउतेंग प्रांत पर पड़ा है. देश में पिछले हफ्ते आए संक्रमण के मामलों में 40 प्रतिशत वृद्धि के दो तिहाई मामले इसी प्रांत से सामने आए. प्रांत में कोविड-19 से मर रहे लोगों की औसत संख्या बढ़कर 48 प्रतिशत हो गई है.
जनवरी 2022 में चरम पर होगी तीसरी लहर
सरकार द्वारा कयास लगाए जा रहे हैं कि कोरोना की तीसरी लहर 2022 के जनवरी महीने में चरम पर होगी. आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कोरोना की तीसरी लहर में प्रतिदिन 21 हजार से अधिक मामले दर्ज किए जा सकते हैं. दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कोरोना वायरस की तीसरी लहर के मद्देनजर महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाई पाबंदियां और सख्त करने की घोषणा की है.
उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट सबसे अधिक संक्रामक है. वर्तमान में, फ्रांस, जर्मनी, नॉर्वे और हवाई जैसे अन्य देशों में डेल्टा वेरिएंट का पता चला है.