रांची: हमारी सरकार झारखंड को एक ऐसा आदर्श राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां हर व्यक्ति सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से मजबूत होगा. समाज में किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा. हर किसी को पूरे मान-सम्मान के साथ अधिकार मिलेगा. राज्य वासियों को बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेगी. कोई भी बुजुर्ग बिना पेंशन के नहीं रहेगा. युवाओं के पास रोजगार होगा और हर खेत में सालों भर पानी रहेगा. किसान, मजदूर और महिलाएं सशक्त होंगे. ये बातें मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने शनिवार को टाउन हॉल, सरायकेला खरसावां में उद्घाटन -शिलान्यास समारोह में कही.

आदिवासी-मूलवासी गरीब

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड खनिज संसाधनों के मामले में देश के सबसे धनी राज्यों में एक है. यहां के कोयला, लोहा, तांबा, सोना और यूरेनियम जैसे खनिजों से देश- दुनिया जगमग कर रहा है. लेकिन, इस राज्य के जो आदिवासी-मूलवासी हैं उन्हें इसका लाभ नहीं मिल सका. आज भी उनके साथ गरीबी और पिछड़ेपन का टैग लगा है. अब हमारी सरकार यहां के स्थानीय लोगों को आगे बढ़ाने के लिए कृत संकल्पित है. झारखंड के अलग राज्य बने 23 वर्ष से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन यहां की बुनियादी समस्याओं को दूर करने की दिशा में कोई सार्थक प्रयास नहीं हुआ. 2019 में हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद यहां की बुनियादी समस्याओं के समाधान का सिलसिला शुरू हुआ. उन्होंने झारखंड को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए जो कार्य शुरू किया है वह निरंतर जारी रहेगा.

रोटी, कपड़ा और मकान सर्वोच्च प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के हर व्यक्ति को रोटी, कपड़ा और मकान उपलब्ध हो, यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है. 2027 तक राज्य के हर व्यक्ति का अपना पक्का मकान होगा. अबुआ आवास योजना के तहत 20 लाख लोगों को पक्का मकान देगी. पहले चरण में दो लाख लाभुकों का आवास स्वीकृत किया गया है और 3 महीने के बाद एक साथ 9 लाख लोगों को मकान का स्वीकृति पत्र दिया जाएगा.

बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को कर रहे हैं मजबूत

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न योजनाओं के माध्यम से राज्य के बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का काम तेजी से हो रहा है. राज्य में 15 हज़ार किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण हो रहा है तो खेतों में भूमिगत पाइपलाइन के माध्यम से पानी पहुंचने की दिशा में कदम बढ़ गए हैं. शहर और गांव के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना की शुरुआत हो चुकी है. वहीं, हड़िया-दारू बेचने वाली महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका से जोड़ने के लिए फूलो-झानो आशीर्वाद योजना के तहत 50 हज़ार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है. राज्य के सभी धार्मिक और पर्यटक स्थलों को संरक्षित और विकसित करने के लिए सरकार की योजना कारगर साबित हो रही है.

शिक्षा से ही समाज आगे बढ़ेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज तभी आगे बढ़ेगा, जब लोग शिक्षित होंगे. इसी बात को ध्यान में रखकर सरकार यहां के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है. इसी कड़ी में निजी स्कूलों की तर्ज पर स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोले गए हैं. छात्रवृत्ति राशि में तीन गुना इज़ाफ़ा किया गया है. बच्चियों की पढ़ाई ना छूटे, इसके लिए उन्हें सावित्रीबाई किशोरी समृद्धि योजना से जोड़ा जा रहा है. विदेश में उच्च शिक्षा के लिए शत- प्रतिशत स्कॉलरशिप सरकार दे रही है. बच्चे इंजीनियर, डॉक्टर और अफसर बनें, इसके लिए उन्हें आर्थिक सहायता दी जा रही है. क्रेडिट कार्ड योजना से गरीब और जरूरतमंद को आसानी से 15 लाख रुपए तक का शिक्षा ऋण दिया जा रहा है.

छऊ नृत्य कला अकादमी का जल्द होगा गठन

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरायकेला-खरसावां जिले की पारंपरिक और ऐतिहासिक पहचान रही है. कला- संस्कृति के लिहाज से यह पूरा इलाका काफी समृद्ध है. यहां का छऊ नृत्य विश्व विख्यात है. कलाकार इस नृत्य कला को काफी आगे तक ले जाने में अपनी अहम भूमिका निभाते आ रहे हैं. हम विरासत में मिली अपनी कला और संस्कृति को और मजबूत करेंगे. इसके लिए जल्द ही छऊ नृत्य कला अकादमी का गठन किया जाएगा. वहीं, इस इलाके को टूरिज्म हब बनाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिए गए हैं.

220 योजनाओं की मिली सौगात

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सरायकेला- खरसावां जिले को 220 योजनाओं की सौगात दी. इनमें 16 का उद्घाटन और 204 की आधारशिला रखी गई. इन योजनाओं पर 334 करोड 12 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे. जिन महत्वपूर्ण योजना का शिलान्यास हुआ उसमें खरकई नदी पर मरीन ड्राइव शामिल है. उन्होंने यह भी कहा कि मरीन ड्राइव को इस तरह से विकसित किया जाएगा कि यहां आकर लोग यहां की परंपरा, कला- संस्कृति का दर्शन और इतिहास जान सकेंगे.

ये रहे मौजूद

सांसद गीता कोड़ा, विधायक दसरथ गगराई और सविता महतो, जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे, नगर विकास विभाग के सचिव अरवा राजकमल और सूडा के निदेशक अमित कुमार समेत कोल्हान के प्रमंडलीय आयुक्त तथा जिले के उपायुक्त समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.

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