रांची: दुर्गा पूजा सिर्फ आम लोगों के लिए ही उत्साह नहीं लाता बल्कि मूर्ति और पंडाल बनाने वाले कारीगरों के लिए भी विशेष होता है. 10 दिनों के इस पूजा में झारखंड की राजधानी रांची में आये बाहर के कारीगर अपनी कारीगरी से लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं. राजधानी रांची के बांधगाड़ी पूजा पंडाल की बात करें तो यहां पर कुछ ऐसा सजावट किया जा रहा है, जिसमें लोग इस पंडाल में आने के बाद यह भूल जाएंगे कि वह झारखंड में है.
ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इस पंडाल की सजावट राजस्थान और गुजरात के थीम पर की गई है. पूजा समिति के लोगों ने बताया कि इस बार पंडाल को भव्य रूप दिया गया है क्योंकि पूजा समिति और स्थानीय लोगों को कोरोना काल के 2 साल बाद पूजा मनाने का मौका मिला है.
पूजा समिति के लोगों ने बताया कि इस साल करीब 35 लाख रुपए खर्च किए गए हैं. पंडाल को राजस्थान और गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों का प्रारूप दिया गया है. पंडाल में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि गुजरात और राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोग कैसे खुश और संतुष्ट हैं. उसी प्रकार झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में भी खुशहाली लाई जाए.