रांची : आंगनबाड़ी सेविकाओं को 9500 रुपए और सहायिकाओं को 4750 रुपए हर महीने मानदेय मिलेगा. मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने आज हरिवंश टाना भगत इंडोर स्टेडियम, खेलगांव रांची में आयोजित सर्वजन पेंशन योजना के अंतर्गत 50 से 60 वर्ष के लाभुकों के बीच पहली क़िस्त की राशि के हस्तांतरण और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सम्मान समारोह में राज्य के बहन-बेटियों को कई सौगातें दी. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 50 से 60 वर्ष के 1 लाख 58 हजार 218 आदिवासी, दलित और महिला लाभुकों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से पेंशन की पहली किस्त की राशि का हस्तांतरण किया. सर्वजन पेंशन की पहली किस्त बांटने के बाद सीएम ने कहा कि आदिवासियों-मूलवासियों की अस्मिता को बनाए रखना प्राथमिकता है.
झारखंड को संवारने की दिशा में बढ़ रहे आगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड को संवारने की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. जल-जंगल -जमीन के रक्षकों और झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में बलिदान देने वाले अपने पूर्वजों के सपनों का झारखंड बना रहे हैं. यहां के आदिवासियों-मूलवासियों की अस्मिता को बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. झारखंड का नवनिर्माण एक ऐसे राज्य के रूप में करेंगे, जहां सभी समुदाय और वर्ग का मान-सम्मान होगा. किसी के साथ अन्याय नहीं होगा. हर किसी को उसका हक-अधिकार मिलेगा.
राज्य की नींव को कर रहे मजबूत
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड तभी आगे बढ़ेगा, जब इसकी नींव मजबूत होगी. इसी बात को ध्यान में रखकर यहां की आर्थिक, सामाजिक और शिक्षा जैसी बुनियादी व्यवस्थाओं को मजबूत कर रहे हैं. समाज में किसी के साथ भेदभाव नहीं हो, इस पर सरकार का विशेष जोर है. समाज के अंतिम व्यक्ति को मजबूत करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि रोटी-कपड़ा और मकान हर किसी की मूलभूत जरूरत है. ऐसे में यहां के लोगों की इन जरूरतों को पूरा करने की दिशा में सरकार लगातार काम करती आ रही है. इसी कड़ी में अबुआ आवास योजना के तहत 20 लाख गरीब, जरूरतमंद लोगों को तीन कमरों का मकान दे रहे हैं.
बन रही नीतियां और योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के हालात और यहां के लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर नीतियां और कार्य योजनाएं बनाई जा रही हैं. “आपकी योजना -आपकी सरकार- आपके द्वार” कार्यक्रम के माध्यम से हमने राज्य के हालात और यहां के लोगों की आवश्यकताओं को जानने का प्रयास किया, ताकि उनके हित में उनके अनुरूप योजनाएं बनाकर उसे धरातल पर उतार सकें. इसका असर है कि अधिकारी घर-घर जाकर लोगों की समस्याओं का समाधान कर रहे है. जल -जंगल और जमीन, खेत- खलिहान और खनिज संसाधनों के मामले में झारखंड एक धनी राज्य है. लेकिन, अफसोस इस बात का है कि यहां के आदिवासी-मूलवासी अभी भी पिछड़े हैं. वे आर्थिक तंगी में रहने को मजबूर हैं. अलग राज्य बनने के 19 वर्ष तक इन्हें आगे बढ़ाने की दिशा में कभी सार्थक प्रयास नहीं हुआ. यहां के लोग हमेशा हाशिए पर रहे. उनके दुःख-दर्द की चिंता किसी ने नहीं की. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार यहां के आदिवासी-मूलवासी सहित सभी वर्ग और तबके को आगे बढ़ाने के लिए लगातार काम करती आ रही है. यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा.
विकास की नई गाथा लिख रहे हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 में हेमन्त जी को 5 वर्षों के लिए जनादेश मिला था. उन्होंने मुख्यमंत्री का पद संभाला ही था कि कोरोना जैसी महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया. इस दौरान झारखंड समेत पूरी दुनिया की व्यवस्था ठप्प हो गई थी. दो वर्षों तक कोरोना से जंग जारी रही. हेमन्त बाबू के कुशल नेतृत्व में जीवन और जीविका बचाने का बेहतरीन कार्य हुआ. कोरोना की रफ्तार कम हुई तो विकास की गति को उन्होंने तेज किया और अगले दो वर्षों के दौरान झारखंड को खुशहाल और सशक्त राज्य बनाने की दिशा में कार्य करते रहे. हेमन्त जी ने जो विकास कार्य शुरू किया था, उसे हमारी सरकार आगे बढ़ा रही है.
ये रहे मौजूद
मंत्री बेबी देवी, राज्य सभा सांसद महुआ माजी, पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अरवा राजकमल, महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव मनोज कुमार, निदेशक समाज कल्याण शशि प्रकाश झा
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