Johar live desk: कोलकाता में वायु प्रदूषण की समस्या गंभीर रूप से बढ़ रही है। सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायर्नमेंट (सीएसई) द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में देश के छह सबसे प्रदूषित महानगरों की सूची जारी की गई है, जिसमें कोलकाता दिल्ली के बाद दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।
रिपोर्ट में पता चला कि जनवरी के महीने में सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण के मामले में कोलकाता दिल्ली के बाद दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। कोलकाता में पिछली सर्दियों में औसत पीएम2.5 स्तर 65 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पाया गया है, जो दिल्ली (175) के बाद सर्वाधिक है।
सीएसई की कार्यकारी निदेशक, (अनुसंधान व वकालत) अनुमिता राय चौधरी ने कहा कि किसी भी जलवायु क्षेत्र में सर्दियों के समय प्रदूषण का चरम पर पहुंचना तेजी से शहरीकरण व मोटरीकरण वाले शहरों में लगातार वायु प्रदूषण की अंतर्निहित समस्या का संकेत है।
रिपोर्ट में यह भी पता चला कि जनवरी, 2025 कोलकाता के लिए सबसे प्रदूषित महीना रहा है। कोलकाता में खराब एक्यूआई वाले दिनों की कुल संख्या 15 रही, जो दिल्ली के बराबर है, वहीं बेहद खराब एक्यूआइ वाला एक दिन भी दर्ज हुआ। कोलकाता में अच्छे एक्यूआई वाले मात्र 11 दिन ही देखे गए।
कोलकाता के सबसे प्रदूषित इलाकों में बालीगंज (80), फोर्ट विलियम्स (71), जादवपुर (63), विक्टोरिया (62), रवींद्र भारती विश्वविद्यालय (62) व बिधाननगर (57) शामिल रहे, हालांकि ‘सिटी ऑफ ज्वाय’ के नाम से मशहूर इस शहर में पिछले चार वर्षों में सर्दियों में पीएम 2.5 स्तर सबसे कम रहा है। पिछली तीन सर्दियों की तुलना में इसमें 19 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।
सीएसई की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कोलकाता में वायु प्रदूषण की समस्या को कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि कोलकाता में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एक व्यापक योजना बनाई जानी चाहिए, जिसमें वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने, उद्योगों से होने वाले प्रदूषण को कम करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के उपाय शामिल हों।