अयोध्या : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (22 जनवरी) को प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में लोगों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि “ तब 14 साल वनवास था, लेकिन इस युग में भगवान राम से वियोग 500 साल तक चला.” उन्होंने कहा, “ प्रभु का आगमन देखकर ही सब अयोध्यावासी, समग्र देशवासी हर्ष से भर गए. लंबे वियोग से जो विपत्ति आई थी, उसका अंत हो गया. ”
त्रेतायुग का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उस कालखंड में वो वियोग तो केवल 14 वर्षों का था, तब भी इतना असह्य था. इस युग में तो अयोध्या और देशवासियों ने सैकड़ों वर्षों का वियोग सहा है. हमारी कई-कई पीढ़ियों ने वियोग सहा है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर युग में लोगों ने राम को जिया है. हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों में, अपनी तरह से राम को अभिव्यक्त किया है. यह राम रस जीवन प्रवाह की तरह निरंतर बहता रहता है.
उन्होंने कहा कि राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार हैं, राम भारत का विचार हैं, राम भारत का विधान हैं, राम भारत की चेतना हैं, राम भारत का चिंतन हैं, राम भारत की प्रतिष्ठा हैं, राम भारत का प्रताप हैं, राम प्रभाव हैं, राम प्रवाह हैं, राम नेति भी हैं, राम नीति भी हैं, राम नित्यता भी हैं, राम निरंतरता भी हैं, राम व्यापक हैं, विश्व हैं, विश्वात्मा हैं इसलिए जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका प्रभाव शताब्दियों तक नहीं होता उसका प्रभाव हज़ारों वर्षों तक होता है.
इस अवसर पर अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बदलाव की भी बात कही. उन्होंने कहा कि आज मैं पूरे पवित्र मन से महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है. यह सुखद संयोग है कि हमारी पीढ़ी को एक कालजयी पथ के शिल्पकार के रूप में चुना गया है. हजारों वर्ष बाद की पीढ़ी राष्ट्र निर्माण के हमारे आज के कार्यों को याद करेगी इसलिए मैं कहता हूं, यही समय है, सही समय है.