रांची:झारखंड के सभी 48 नगर निकाय 30 अप्रैल के बाद जनप्रतिनिधि विहीन हो जाएंगे। इनकी कमान अब सीधे अफसरों और स्टाफ के हाथ में होगी। नगर निकायों के बोर्ड के भंग हो जाएंगे। इसके साथ ही जनता के वोटों से चुने गए मेयर, डिप्टी मेयर, अध्यक्ष और वार्ड काउंसिलर अधिकार विहीन हो जाएंगे। निकायों के अगले चुनाव कब होंगे, यह फिलहाल तय नहीं है। राज्य सरकार ने फैसला किया है कि नगर निकायों के चुनाव अब ओबीसी रिजर्वेशन के आधार पर कराए जाएंगे। रिजर्वेशन का प्रतिशत तय करने के लिए सरकार सभी स्थानों पर ट्रिपल टेस्ट सर्वे कराएगी। रिजर्वेशन तय होने के बाद चुनाव कराने का शेड्यूल तय किया जाएगा। इस प्रक्रिया में यह पूरा साल गुजर सकता है।
राज्य के 15 नगर निकायों का कार्यकाल पहले ही खत्म हो चुका है। पहले कोविड और बाद में कुछ अन्य वजहों का हवाला देकर इनके चुनाव वर्ष 2020 के बाद से ही टाले जाते रहे। अब बाकी 34 निकायों का कार्यकाल भी 28 से लेकर 30 अप्रैल को खत्म हो रहा है। इन निकायों में रांची, हजारीबाग, गिरिडीह, मेदिनीनगर और आदित्यपुर नगर निगम शामिल हैं। इनके अलावा गढ़वा, चतरा, मधुपुर, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़, मिहिजाम, चिरकुंडा, फुसरो, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा, रामगढ़, चाईबासा और कपाली नगर परिषद तथा नगर उंटारी, हुसैनाबाद, छतरपुर, लातेहार, डोमचांच, राजमहल, बडहरवा, बासुकीनाथ, जामताड़ा, खूंटी, बुंडू और सरायकेला-खरसावां नगर पंचायतों का कार्यकाल भी एक साथ समाप्त हो रहा है।
बता दें कि नगर विकास विभाग ने वर्ष 2023 में बिना ओबीसी आरक्षण के राज्य के 48 नगर निकायों में चुनाव कराने का प्रस्ताव तैयार किया था। नगरपालिका अधिनियम 2011 में संशोधन करने के बाद आरक्षण रोस्टर में भी बदलाव किया गया था। इसका काफी विरोध भी हुआ। मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा। इस बीच बीते 16 मार्च को राज्य सरकार के कैबिनेट की बैठक में नगर विकास विभाग की अधिसूचना को निरस्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में ट्रिपल टेस्ट के बाद निकाय चुनाव कराने का निर्णय लिया गया।
नए नियमों के आधार पर अब नगर निकायों में मेयर या अध्यक्ष पद के लिए एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण राज्य सरकार संबंधित वर्ग की जनसंख्या के आधार पर तय करेगी। पहले रोटेशनल आधार पर आरक्षण लागू करने का नियम था। नगर विकास विभाग के सचिव विनय चौबे ने कहा है कि सरकार के निर्देश पर आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। रांची नगर निगम के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा है कि सरकार द्वारा सही वक्त पर सही निर्णय न लिए जाने की वजह से राज्य के तमाम नगर निकाय जनप्रतिनिधि विहीन होने जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में नगर विकास की योजनाओं में अफसरों की मनमानी तय है।