रांची में लगभग 50 दिनों के कोरोना के खौफनाक मंजर के बाद अब स्वास्थ्य व्यवस्था सामान्य होने लगी है। मरीजों की संख्या कम होते ही अब अस्पतालों में ओपीडी सेवा शुरू होने लगी है। सदर अस्पताल रांची में तीन विभाग की ओपीडी को छोड़कर लगभग सभी ओपीडी शुरू हो गई हैं।
अस्पताल के उपाधीक्षक एस मंडल ने बताया कि ऑर्थो और सर्जरी की ओपीडी छोड़ कर अस्पताल में लगभग सभी विभाग के ओपीडी को शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि गायनी में रोज लगभग 100 से ज्यादा महिलाएं परामर्श ले रहीं है। स्किन, ऑर्थो और सर्जरी को भी जल्द शुरू कर दिया जाएगा।
रिम्स के पीआरओ डॉ. डीके सिन्हा ने बताया कि रिम्स में ओपीडी सेवा शुरू करने संबंधी एक जरूरी बैठक 12 जून को निर्धारित की गई है। उस दिन ओपीडी शरू करने पर फैसला होगा। संभवतः सोमवार से रिम्स में भी ओपीडी सेवा शुरू हो जाएगी।
सदर अस्पताल में बच गए मात्र 8 मरीज
सदर अस्पताल के तीन फ्लोर को कोविड वार्ड बनाया गया था। एक महीने पहले तक यहां मरीजों को बेड नहीं मिल रहे थे। 300 बेड के इस अस्पताल में व्हील चेयर पर बैठकर इलाज करा रहे थे। ऑक्सीजन के लिए रोज एक जंग सा माहौल रहता था। बुधवार तक कोविड और पोस्ट कोविड के मात्र 8 मरीज बचे गए थे। इनमें 4 मरीज आईसीयू में एडमिट हैं।
66 दिन बाद रांची में कोरोना से एक भी मौत नहीं
राजधानी के लिए बुधवार राहत भरा रहा। 3 अप्रैल के बाद पहली बार रांची में कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई। मतलब 66 दिनों के बाद रांची में कोरोना से मरने वालों की संख्या शून्य रही। जबकि, अप्रैल में रांची में एक दिन में 50-60 मौतें हुई थीं।
झारखंड में कल 302 नए मरीज मिले
इधर, राज्यभर में 302 कोरोना के नए मरीज मिले हैं। जबकि, 615 स्वस्थ हुए और तीन की कोरोना से मौत हुई। पश्चिमी सिंहभूम में सबसे अधिक मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। यहां 48 नए मरीज मिले। इसके बाद रांची में 34 व गुमला में 31 मरीज मिले। इसके अलावा किसी भी जिले में मरीजों का आंकड़ा 30 तक नहीं पहुंचा।
वहीं, 12 जिले ऐसे रहे, जहां 10 से भी कम नए मरीज मिले हैं। राज्य भर में कोरोना से तीन मरीजों की मौत हुई। पूर्वी सिंहभूम, बोकारो व पाकुड़ में 1-1 मरीज की मौत हुई है।