Joharlive Team
रांची: देश भर में कोरोना महामारी के खिलाफ जंग जीतने के लिए नि:शुल्क टीकाकरण किया जा रहा है। 45 से 60 वर्ष के लोगों को भी इस महामारी के बचाव को लेकर टीका लगाया जा रहा है। इसी बीच रांची व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता भी नि:शुल्क टीके की मांग कर रहे हैं। अधिवक्ताओं का कहना है कि इस महामारी में सबसे ज्यादा प्रभावित वर्ग कोई है तो वह है अधिवक्ता। ऐसे में उन्हें भी नि:शुल्क टीका लगना चाहिए। बार काउंसिल के सदस्य संजय कुमार विद्रोही की मानें तो रांची व्यवहार न्यायालय के करीब 12 से अधिक अधिवक्ता संक्रमित चुके हैं, जिसके कारण एक 1 सप्ताह के लिए फिजिकल सुनवाई पर रोक लगा दी गई थी।
ऐसे में अब भी अधिवक्ताओं को महामारी का डर सता रहा है। अभी भी एसओपी बनाकर न्यायालय में सुनवाई चल रही है। ऐसे में एक मांग है कि अधिवक्ताओं के लिए भी नि:शुल्क टीकाकरण कराया जाए, ताकि अधिवक्ता इस महामारी से बच सकें, क्योंकि इस महामारी में जान जोखिम में डालकर अधिवक्ता काम करते हैं।
अधिवक्ताओं का कहना है कि रांची व्यवहार न्यायालय में 45 से अधिक उम्र के कई अधिवक्ता हैं, जो अपनी जान जोखिम में डालकर न्यायिक कार्यों में हिस्सा लेते हैं। उनका टीकाकरण कराना चाहिए क्योंकि इस महामारी में भी अधिवक्ता योद्धा के रूप काम कर रहे हैं। इस महामारी के कारण उनके जीवन पर भी काफी प्रभाव पड़ा है। ऐसे में सरकार से निवेदन है कि अधिवक्ताओं के कल्याण और स्वास्थ्य को देखते हुए टीकाकरण कैंप लगाकर सभी अधिवक्ताओं को नि:शुल्क टीका देना चाहिए, ताकि इस महामारी से अधिवक्ता बच सकें।