नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में विजय कुमार सरीन और इंदरपाल सिंह व अन्य के एक पारिवारिक मामले में एडवोकेट रेखा सिंह ने समझौता करा संपत्ति विवाद में सुलह कराकर उपलब्धि हासिल की है. एडवोकेट रेखा सिंह ने कहा कि यह केस काफी समय से लंबित था. न्यायालय की ओर से इसमें इंदरपाल सिंह और उनकी पोतियों के पक्ष में भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. रेखा सिंह ने बताया कि वह प्रतिवादी इंदरपाल सिंह की ओर से इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में देख रही थीं. विजय कुमार सरीन की ओर से प्रॉपर्टी विवाद में याचिका दायर की गई थी. पिछली सुनवाई 8 मई 2024 को कोर्ट ने कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों पक्ष आपस में निराधार और तुच्छ शिकायतें दाखिल कर न्यायालय का समय खराब कर रहे हैं. वास्तव में इस विवाद में 10 और 13 वर्ष की दो निर्दोष लड़कियां पीड़िता हैं, जो याचिकाकर्ता की पोतियां हैं.

मध्यस्थता केंद्र में सुलझाने का दिया अवसर

रेखा ने बताया कि न्यायालय ने अपने निर्देश में कहा था कि वह अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने से पहले याचिकाकर्ता और प्रतिवादी को सुप्रीम कोर्ट मध्यस्थता केंद्र के तहत अपने विवाद को आपसी सहमति से सुलझाने का एक उचित अवसर देना उचित समझते हैं. जिसके तहत ही 18 जुलाई को अगली सुनवाई तय की गई थीं. इस सुनवाई को यह केस समाप्त कर दिया गया. सुप्रीम कोर्ट की ओर से पोतियों के लिए प्रति माह कोर्ट ने 1 लाख रुपये चाइल्ड वेलफेयर को देने के लिए निर्देश जारी किया. जिससे उनकी शिक्षा, पालन पोषण में मदद मिलेंगी. वहीं जीवन यापन के लिए भी कुछ दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. कोर्ट ने एक मिसाल कायम कर यह साबित किया है कि कानून के माध्यम से विवादों का समाधान संभव है. एडवोकेट रेखा सिंह की कड़ी मेहनत का प्रमाण है कि इंदरपाल सिंह को न्याय मिला. मध्यस्थता फैसले ने न केवल न्यायालय पर से अनावश्यक बोझ को हटाया, बल्कि निर्दोष बच्चियों के भविष्य के लिए एक सकारात्मक कदम भी साबित हुआ.

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