गुमला: आदिवासी एकता मंच बसिया के द्वारा सोमवार को बसिया में विशाल महारैली निकाली गई. महारैली विभिन्न मार्गों से होते हुए सरहुल अखाड़ा कोनबीर चौक पहुंचकर सभा के रूप में तब्दील हो गई. इस दौरान मुख्य वक्ता के रूप में दयामणि बारला मौजूद थी. उन्होंने कहा कि हमें अपनी धर्म और संस्कृति को बचाने के लिए एकजुट होना पड़ा. केंद्र सरकार हमें तो कभी डिलिस्टिंग तो कभी समान नागरिक संहिता कानून के नाम पर हमे आपस में लड़ाने का काम कर रही है. मौके पर संस्कृति, परंपरा को बचाए रखने का संकल्प लिया गया. साथ ही जल, जंगल, जमीन की रक्षा हेतु एकजुट होने का आह्वान किया गया.

इस दौरान आदिवासियों की जमीन, प्राकृतिक संसाधनों पर संवैधानिक तरीके से कब्जा होने से बचाना,  सीएनटी सीपीटी कानून, वन अधिकार कानून को शक्ति से लागू करने की आवाज बुलंद की गई. मौके पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस के सचिव रोशन बरवा, जीप सदस्य बसंती धुंगदुंग ने सभी लोगों से एकजुट होने का आह्वान किया. मौके पर कई वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किया. महारैली में हजारों की संख्या में आदिवासी संगठन के सदस्यों ने भाग लिया. मंच का संचालन अध्यक्ष इंद्रजीत डगवार ने किया.

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