सरायकेला खरसावां: सरायकेला खरसावां जिले के आदित्यपुर नगर निगम के वार्ड 13- 14 में 15 वें वित्त आयोग से पारित सड़क और नाले का काम अधूरा होने की वजह से दोनों वार्डों के लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। करीब चार साल बाद भी उक्त योजना को धरातल पर उतारा नहीं जा सका। जिसका खामियाजा क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है। बारिश के बाद नालों का पानी घरों में घुस रहा है जिसे लोग अपने हाथों से बाहर निकालने को मजबूर हैं। लोग बस यही जानना चाहते हैं कि आखिर उनका क्या कसूर है। उन्हें किस गुनाह की सजा दी जा रही है। जबकि इनके द्वारा टैक्स का भुगतान किया जाता है। जनप्रतिनिधियों का चुनाव किया जाता है।
वहींं जनप्रतिनिधि पल्ला झाड़ते नजर आते हैं और कहते है कि हमारा कार्यालय समाप्त हो चुका है। नगर निगम के अधिकारी सुनते नहीं है। आनेवाले दिनों में आंदोलन की बात कहकर आरोप स्थानीय विधायक सह मंत्री चम्पई सोरेन और सरकार पर मढ़ते देखे गए। सवाल यह है कि आखिर चार सालों में भी योजना धरातल पर क्यों नहीं उतर सका? दोष किसका है? जनता- जनप्रतिनिधि या सिस्टम!
आपको बता दें कि समूचे आदित्यपुर नगर निगम को विकास के नाम पर खोद दिया गया है। शायद ही कोई ऐसा वार्ड हो जहां की जनता सड़क पर बने गड्ढों से बेहाल न हो। कहीं पानी के नाम पर तो कहीं सीवरेज-ड्रेनेज के नाम पर संवेदकों ने गड्ढे कर रखे हैं। मंत्री-संतरी यदा-कदा बैठक कर संवेदक को फटकार लगाने की बात करते है।