रांचीः बदलते कृषि परिवेश में तकनीकी की भूमिका अहम् होती जा रही है. देश के सामने अगले 50 साल बाद खाद्यान सुरक्षा सबसे बड़ी समस्या होगी. जिसका आपसी समझदारी, सहयोग, सदुपयोग एवं संयुक्त प्रयासों से समाधान करने की आवश्यकता है. देश में बहुतायत छोटे एवं मझौले किसान है. देश की भावी खाद्यान सुरक्षा में छोटे एवं मझौले किसानों की सहभागिता जरुरी होगी. इनके देशज एवं पारंपरिक ज्ञान के साथ नवीनतम तकनीकों को शामिल और आगे बढ़ानी होगी. उक्त बातें सी–डेक, कोलकत्ता के वरीय निदेशक आदित्य कुमार सिन्हा ने बतौर मुख्य अतिथि बीएयू में एफपीओ मध्यस्थ आईटी हस्तक्षेप विषयक प्रशिक्षण सह कार्यशाला में कहीं.
उन्होंने कहा कि कृषि तकनीकी नवाचार और उसका विकास किसानों के हित में और उनके द्वारा आसानी से स्वीकार्य होनी चाहिए. तकनीकी विकास में किसानों के फीडबेक के आधार पर भावी सोच, समझदारी, सहयोग एवं अनुभव को साझा का समावेश करना होगा. इससे तकनीकी विकास को महत्ता और बढ़ावा मिलेगा. स्मार्ट कृषि में सबों के सहयोग से प्रयासरत रहना होगा. इस दिशा में फार्मर्स प्रोडूसर आर्गेनाइजेशन मध्यस्थ आईटी हस्तक्षेप से कृषि विकास को गति मिलेगी.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने सी–डेक, कोलकत्ता एवं बीएयू, रांची के संयुक्त सहयोग से एग्री–इन्फोमैट्रिक्स एवं एग्री– इलोट्रोनिक्स का कृषि क्षेत्र में समावेश को क्रांतिकारी कदम बताया. उन्होंने सी–डेक, कोलकत्ता एवं बीएयू वैज्ञानिकों का इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी क्षेत्र में टीम भावना एवं प्रयासों की सराहना की.
मौके पर सी–डेक, कोलकत्ता के वरीय निदेशक, बीएयू कुलपति एवं अतिथियों ने संयुक्त रूप से एग्री–इनफार्मेशन एवं एग्री–इलोट्रोनिक्स पोस्टर का लोकार्पण किया. बेस्ट एफपीओ मोबिलाइजेशन अवार्ड से देवीचरण गोप, बेस्ट एफपीओ अवार्ड से गंधुरा उरांव तथा बेस्ट एफपीओ नेटवर्क अवार्ड से राजेन्द्र महतो को सम्मानित किया गया. मौके पर नागपुरी भाषा से कृषि तकनीकी को बढ़ावा देने के लिए डॉ टीएन साहू एवं डॉ सुभाष साहू को सम्मानित किया गया. कृषि क्षेत्र में विभिन्न माध्यमों से आईटी को बढ़ावा देने में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ एसके पाल, डॉ सुशील प्रसाद, डॉ एमके गुप्ता, डॉ एस कर्माकार, डॉ बीके अग्रवाल, डॉ एके पांडे, डॉ रमेश कुमार, डॉ निभा बाड़ा, डॉ बीके झा,डॉ नीरज कुमार, डॉ एचसी लाल, डॉ बिनय कुमार, डॉ अशोक कुमार सिंह, डॉ सीएस सिंह, डॉ एसबी कुमार, डॉ एसके झा, डॉ आईए अंसारी, डॉ एनसी गुप्ता एवं डॉ अशोक कुमार सिंह को मोमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया. इस अवसर पर कुलपति ने कृषि क्षेत्र में आईटी का नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सी–डेक, कोलकत्ता की टीम को विशेष रूप से सम्मानित किया.
मौके पर सी–डेक, कोलकत्ता के सह निदेशक रितेश मुखर्जी ने टेक्नोलॉजी रिसोर्स सेंटर का विकास एवं स्थापना के महत्त्व पर प्रकाश डाला. आईसीएआर– एनआरआरआई, कटक के प्रदान (साइल साइंस डिवीज़न) डॉ जीए कुमार ने एग्री– इन्फोमैट्रिक्स एवं एग्री–एलोट्रोनिक्स का एफपीओ में उपयोग से उत्पादन, संग्रहण एवं विपणन को मजबूती मिलने की बात कही. पूर्व आयुक्त पलामू डॉ जटाशंकर चौधरी ने कृषि क्षेत्र में आईटी के हस्तक्षेप को कृषि की दिशा–दशा में परिवर्त्तन लाने की बात कही. मौके पर ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ टीएन साहू एवं पूर्व डीन एग्रीकल्चर डॉ एसके पाल ने भी अपने विचारों को रखा.
कार्यक्रम का संचालन रेडियो हरियाली समन्यवयक शशि सिंह, स्वागत भाषण डीन एग्रीकल्चर डॉ डीके शाही एवं धन्यवाद आयोजन सचिव डॉ बीके झा ने दी. मौके पर डॉ पीके सिंह, डॉ शिव मंगल प्रसाद, ई डीके रुसिया, डॉ पी महापात्रा, डॉ अरविन्द कुमार आदि सहित एफपीओ से जुड़े पदाधिकारी एवं किसान भारी संख्या में मौजूद थे.