नई दिल्ली : इसरो के सौर मिशन आदित्य एल1 को बड़ी कामयाबी मिली है. दरअसल आदित्य एल1 पर लगे एक पेलोड के एडवांस्ड सेंसर ने सूर्य की सतह पर होने वाले कोरोनल मास इजेक्शन के प्रभाव को लेकर अहम खुलासा किया है. सेंसर से कोरोनल मास इजेक्शन के दौरान भारी संख्या में सौर पवन में इलेक्ट्रॉन और आयन की संख्या में जबरदस्त इजाफा देखा गया. जिस पेलोड के सेंसर्स ने यह पता लगाया है, वह प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA) है.
इसरो ने बताया कि पेलोड PAPA को पवन ऊर्जा इलेक्ट्रॉन और आयन की समीक्षा के लिए डिजाइन किया गया है. इसमें दो सेंसर सोलर विंड इलेक्ट्रॉन एनर्जी प्रोब (SWEEP) और सोलर विंड आयन कंपोजिशन एनालाइजर (SWICAR) लगे हैं. SWEEP सेंसर 10 eV से लेकर 3 KeV की रेंज के इलेक्ट्रॉन की गणना करता है. वहीं SWICAR 10eV से लेकर 25 KeV के बीच के इलेक्ट्रॉन की गणना करता है. इन सेंसर्स की मदद से सौर पवन की दिशा का भी पता लगाया जा सकता है. पेलोड PAPA को विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर की स्पेस फिजिक्स लेबोरेट्री एंड एवियोनिक्स एनटिटी द्वारा विकसित किया गया है. इसरो ने बताया कि सूर्य की सतह पर कोरोनल मास इजेक्शन की घटना को पहले 15 दिसंबर 2023 को और फिर 10-11 फरवरी 2024 को पेलोड PAPA द्वारा दर्ज की गई.
इसरो ने बयान जारी कर बताया है कि 15 दिसंबर, 2023 को एक बार कोरोना मास इजेक्शन की प्रक्रिया हुई. इस दौरान पेलोड PAPA ने पाया कि कुल इलेक्ट्रॉन और आयन गिनती में अचानक वृद्धि हुई और समय भिन्नता एल1 बिंदु पर डीप स्पेस क्लाइमेट ऑब्जर्वेटरी और एडवांस्ड कंपोजिशन एक्सप्लोरर उपग्रहों से प्राप्त सौर पवन मापदंडों और चुंबकीय क्षेत्र माप में समानता पाई गई.
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