Adani Group : गौतम अडानी और उनके समूह पर अमेरिका में रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगे हैं. इन आरोपों के बाद अमेरिकी अदालत ने अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं. आरोप है कि अडानी ग्रुप ने सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी थी.
265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने का आरोप
अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) के अनुसार, अडानी और उनके अन्य सहयोगियों ने अमेरिकी निवेशकों को धोखा देने और रिश्वत देने के लिए झूठे और भ्रामक बयान दिए थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अडानी ग्रुप ने लगभग 265 मिलियन डॉलर (करीब 2237 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी, जिससे उन्हें उम्मीद थी कि आने वाले दो दशकों में यह सौदा 2 बिलियन डॉलर (करीब 16882 करोड़ रुपये) का मुनाफा देगा.
क्या है पूरा मामला
अदालत में दायर किए गए अभियोग में आरोप लगाया गया है कि अडानी और उनके सहयोगियों ने निवेशकों से धोखाधड़ी करके धन जुटाया और इसका उपयोग रिश्वतखोरी में किया. इसके अलावा, अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी ने 3 बिलियन डॉलर से अधिक के लोन और बॉन्ड हासिल करने के लिए रिश्वत देने की बातें छिपाई. इस मामले में अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने अडानी, सागर अडानी, विनीत एस. जैन, और अन्य पर आरोप दायर किए हैं.
गिरफ्तारी वारंट
अमेरिकी न्यायालय ने गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं. इसके अलावा, अमेरिकी सरकारी अधिकारियों ने अभी तक इन आरोपों के संबंध में पूरी जानकारी नहीं दी है. अडानी ग्रुप ने इस मामले के बाद 600 मिलियन डॉलर के बॉन्ड को रद्द कर दिया है, जिससे कंपनी को नुकसान हुआ है.
विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम के तहत आरोप
अदानी और उनके सहयोगियों पर विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं, जो कि अमेरिकी कानून के तहत विदेशी व्यापार सौदों में रिश्वतखोरी के खिलाफ कार्रवाई करता है. इस मामले में अडानी और उनके सहयोगियों के खिलाफ कई गंभीर आरोप हैं, जो उनके कारोबारी साम्राज्य के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं.
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