बड़कागांव (हजारीबाग)। गोंदलपुरा खनन परियोजना के तहत अदाणी फॉउंडेशन ने बड़कागांव की महिलाओं को एक अनोखा अवसर प्रदान किया। फॉउंडेशन के सहयोग से यहां की 25 महिलाओं ने छत्तीसगढ़ स्थित विभिन्न खनन परियोजनाओं का दौरा किया और वहां कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत चल रहे विभिन्न कार्यों को नजदीक से देखा। इन कार्यों को देख महिलाओं का समूह बेहद प्रभावित हुआ और इसे गोंदलपुरा और आसपास के गांव में भी शुरू करने की इच्छा जाहिर की। अपने तीन दिवसीय इस दौरे में महिलाओं ने छत्तीसगढ़ के परसा और सालही में अदाणी फाउंडेशन द्वारा चलाई जा रही परियोजना “उन्नयन” का दौरा किया।
इस दौरान महिलाओं ने यहां चल रही गतिविधियों जैसे – मसाला पीसने और पैकेजिंग, डेयरी, जैविक खाद उत्पादन इकाई, सेनेटरी पैड बनाने की इकाई, हरा चारा खेती फार्म, नर्सरी पालना, वर्षा जल संचयन तालाब और स्वस्थ सुविधा केंद्रों और नौनिहाल की सामाजिक पहल आदि को करीब से देखा। छत्तीसगढ़ की स्थानीय महिलाएं इन गतिविधियों में शामिल होकर स्वरोजगार के साथ अच्छी आमदनी कर रही हैं, जिसे देख बड़कागांव की महिलाएं बेहद खुश हुई। इसके अलावा बड़कागांव की महिलाओं ने परसा और साल्ही गांवों में बच्चों की शिक्षा के लिए शिक्षण आश्रय को भी नजदीक से देखा, जहां बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के साथ उनके रहने के भी बेहतर इंतजाम हैं।
महिलाओं ने जाना अनुभव, लोगों के जीवन में आए बदलावों को करीब से देखा
इससे पहले आयोजित किए गए एक अनुभव सत्र में बड़कागांव की महिलाओं ने वहां के सदस्यों से उनके अब तक के अनुभव को जाना और इस पहल से उनके जीवन में आए बदलावों को भी महसूस किया। सत्र के दौरान, स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने महिलाओं के जीवन में आए परिवर्तन और उसके सामाजिक प्रभावों को भी जाना। कार्यक्रम में गोंदलपुरा परियोजना के साइट हेड धर्मेंद्र दुबे और सीएसआर विभाग के प्रबंधक रवि टोप्पो समेत अन्य ने भाग लिया।
आईएएस अधिकारी से कहा- सामाजिक देखभाल का शानदार उदाहरण है अदाणी फाउंडेशन
इस दौरान साल्ही गांव में फीडबैक विजिट लर्निंग सेशन का भी आयोजन किया गया, जिसमें उदयपुर की एसडीएम श्रीमती शिवानी जायसवाल (आईएएस) ने गोंदलपुरा से आई महिलाओं से अपनी सीख साझा करने के लिए कहा। इसके बाद महिलाओं ने अपने दौरे के दौरान हुए अनुभवों के आधार पर कहा कि खनन स्थल के आसपास के गांवों की महिलाएं यदि साहस जुटाएं तो वे सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाने का प्रयास कर सकती हैं और अपने परिवार के साथ-साथ खुद को मजबूत बना सकती हैं।
महिलाओं ने एक स्वर में कहा कि वे छत्तीसगढ़ में ऐसे कार्यों से बेहद प्रभावित हुई हैं और इसे ये गोंदुलपुरा और वहां के आसपास के गांवों में दोहराना चाहती हैं। महिलाओं ने कहा कि इस दौरे के बाद से उन्हें यह यकीन हुआ है कि खनन उद्योग स्थानीय क्षेत्र का विकास करता है और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करता है। साथ ही स्थानीय समुदाय की सामाजिक देखभाल में भी योगदान देता है। अदाणी फाउंडेशन इसका एक अच्छा उदाहरण है।