JoharLive Desk
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता चंकी पांडे का कहना है कि ग्रे शेड वाले किरदार उन्हें गुस्सैल बना देते हैं।
चंकी पांडे ने ‘साहो’ और ‘बेगम जान’ में नेगेटिव रोल निभाए थे। चंकी पांडे ने कहा कि कि ग्रे शेड वाले किरदार निभाना उनके लिए चुनौतियों से भरा है और ऐसे किरदार उन्हें चिड़चिड़ा और गुस्सैल बना देते हैं।
चंकी पांडे ने कहा कि मैंने फिल्म ‘साहो’ में ऐसे नकारात्मक व्यक्ति का किरदार निभाया था, जो अंदर से काफी जटिल था। देवराज एक ऐसा इंसान था, जिसके अंदर कोई भावना नहीं थी। शायद लोग उसे एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखते होंगे जो सौ बार मर चुका होगा। ज्यादातर वक्त मैं अकेला ही रहता था और ऑफ स्क्रीन भी अपने किरदार के व्यक्तित्व की गहराई में रहता था। इसका असर यह होता था कि मैं चिड़चिड़ा हो जाता था और छोटी-छोटी बातों पर मुझे गुस्सा आता था, जो मेरे वास्तविक व्यक्तित्व से बहुत अलग है। मेरे ख्याल से यह सिर्फ मेरा प्रयास नहीं, बल्कि पूरी टीम के प्रयास का असर था।
चंकी पांडे ने फिल्म ‘बेगम जान’ में अपनी दमदार ऐक्टिंग से लोगों को आकर्षित किया था। लोग एक समय के लिए चंकी पांडे को पहचान नहीं पाए थे, क्योंकि उन्होंने इस फिल्म के लिए अपने लुक को एकदम बदल दिया था। फिल्म में एक शातिर बदमाश कबीर का रोल करने के लिए चंकी पांडे ने अपने बाल मुंडवाए थे और दांतों को काला करवाया था।