हजारीबाग। बड़कागांव, केरेडारी व कटकमदाग प्रखंड में भूमि मुआवजा घोटाले पर प्रधानमंत्री कार्यालय के अवर सचिव संजय कुमार चौरसिया ने झारखंड के मुख्य सचिव और सेंट्रल पावर मिनिस्ट्री के सचिव को कार्रवाई का निर्देश दिया है। मंटू सोनी उर्फ शनिकांत की शिकायत पर पीएमओ ने यह निर्देश दिया है।
पीएमओ से की गयी शिकायत में मंटू सोनी ने कहा था कि बड़कागांव, केरेडारी व कटकमदाग प्रखंड में बड़े पैमाने पर गैरमजरुआ खास, गैरमजरुआ आम व जंगल-झाड़ी के अलावा सार्वजनिक उपयोग के श्मशान घाट, कब्रिस्तान, मंडप व मजार की जमीन को फर्जी हुकूमनामा बनाकर भू-माफियाओं द्वारा बंदोबस्त करा लिया गया था। सरकारी अंचल कर्मियों, अधिकारियों और अन्य की मिलीभगत से करोड़ों रुपये मुआवजा के तौर पर बांट कर पैसे की बंदरबांट की गयी। जमीन के असली मालिकों व कब्जाधारियों को मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। वहीं औने-पौने दाम में जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है।
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जमीन संबंधी मुआवजा में गड़बड़ी की बात सामने आने पर हजारीबाग के तत्कालीन उपायुक्त मुकेश कुमार ने 2016 में सरकार से एसआइटी जांच कराने की अनुशंसा की थी। सरकार ने सेवानिवृत्त आइएएस देवाशीष गुप्ता की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआइटी बनायी थी। एसआइटी ने 2017 में तीन हजार करोड़ के मुआवजा घोटाले का अनुमान लगाया था। वहीं 300 करोड़ रुपये का मुआवजा बांटे जाने की जानकारी देते हुए मामले में दोषी सरकारी कर्मचारियों व अन्य के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सीबीआइ जांच की अनुशंसा की थी।
एसआइटी की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद भू-राजस्व विभाग ने हजारीबाग के उपायुक्त के अलावा संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर दोषी अधिकारियों की पहचान कर कार्रवाई करने को कहा था। लेकिन मामले में कार्रवाई की बात सामने नहीं आयी।मामले में झारखंड हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी।