रांची के मोरहाबादी में पिछले 37 दिनों से चल रहा सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन बुधवार को समाप्त हो गया। आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मियों और सरकार के बीच सहमति बन गई। 2 महीनों में 8 मांगों पर कमेटी बनाकर एक्शन लिए जाने के बाद सहायक पुलिसकर्मी मोरहाबादी मैदान से अपने घर लौटने पर राजी हो गए।
सहायक पुलिसकर्मियों के प्रतिनिधि अजय मंडल ने बताया कि उनकी एक मांगों को छोड़कर अन्य मांगें मान ली गई है। सरकार की तरफ से उन्हें आश्वासन दिया गया है कि स्थायीकरण और झारखंड पुलिस में समायोजन की मांग के अतिरिक्त सारी मांगे सकारात्मक है और पहल करने योग्य है।
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इस मामले में सरकार की ओर से 2 महीने का समय मांगा गया है। कहा गया कि इस दौरान एक कमेटी बनेगी जिसमें सभी मांगों को बिंदुवार ढंग से पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
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क्यों आंदोलन कर रहे थे सहायक पुलिसकर्मी
पलामू, गढ़वा, चतरा, लातेहार, खूंटी सिमडेगा, गिरिडीह, पश्चिमी सिंहभूम, गुमला, लोहरदगा सहित 12 जिलों के 2269 सहायक पुलिसकर्मियों की दलील है कि 2017 में जिलावार लिखित परीक्षा और फिजिकल -मेडिकल पास करने के बाद उनकी बहाली हुई थी। उस समय यह कहा गया था कि तीन साल की सेवा के बाद जिला पुलिस में बहाली होगी। सरकार बदलते ही इनका संविदा रद्द कर दिया गया। प्रदर्शन के बाद 1 साल के लिए बढ़ाया गया था। अब इनका आरोप है कि सरकार इनके साथ वादाखिलाफी कर रही।