देवघर: ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल (आरइओ) में पदस्थापित एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सनोथ सोरेन पर जल्द ही कार्रवाई की जायेगी। संथाल परगना के कमिश्नर द्वारा एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सनोथ सोरेन के दुमका में पदस्थापन के दौरान लगे गड़बड़ी के आरोप की जांच के बाद विभाग को जांच रिपोर्ट भेजी गई है।
जांच रिपोर्ट के अनुसार, दुमका में पदस्थापन के दौरान एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने बीजीआरएफ मद से योजनाओं के क्रियान्वन में तत्कालीन सहायक अभियंता संतोष मरांडी के साथ मिलकर गंभीर अनियमितता बरती थी।
जांच रिपोर्ट में यह पाया गया कि एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सनोथ सोरेन को किसी व्यक्ति विशेष से सांठ गांठ कर अनुचित लाभ प्रदान करने वाला और सरकारी राशि का नाजायज दुरुपयोग करने का दोषी पाया गया है।
इसके अलावा जरमुंडी प्रखंड के हथनामा, सिंहनी, काला डुमरिया, गरडाअमराकुंडा और कुशमाहा के पंचायत भवन में पहले से बोरिंग रहने के बावजूद दोबारा बोरिंग कराने के मामले में भी उन्हें दोषी पाया गया है।
इस मामले में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सनोथ सोरेन पर सरकारी कार्यों के संपादन में बरती गई लापरवाही और स्वेच्छाचारिता का दोषी पाया गया है। एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सनोथ सोरेन का कृत्य सरकारी सेवक आचरण नियमावली के नियमों के उल्लंघन का दोषी पाते हुए उन पर प्रपत्र क गठित करते हुए अग्रेतर कारवाई हेतु विभाग को भेजा गया है।