Joharlive Desk
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ यूपी, दिल्ली और बिहार समेत देशभर में हिंसा और प्रदर्शन हुए। विरोध की आग में यूपी के रामपुर, कानपुर और मुजफ्फरनगर सबसे ज्यादा झुलसे। रामपुर में जहां हिंसक प्रदर्शनों के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं, कानपुर में उपद्रवियों ने एक पुलिस चौकी में घुसकर वाहनों को आग लगा दी।
यूपी के 21 जिलों में इंटरनेट शनिवार रात 12 बजे तक बंद रहे, जबकि लखनऊ समेत 15 जिलों में इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं सोमवार तक बंद रहेंगी। फिरोजाबाद में दो और मेरठ में एक के शव मिले हैं। इसी के साथ यूपी हिंसा में मरने वालों की संख्या 17 हो गई। वहीं, बिहार में राजद द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शनों के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगा दिया गया और ट्रेेनें रोकी गईं।
राजद कार्यकर्ताओं ने पटना और हाजीपुर में आगजनी की। पटना के फुलवारी शरीफ में दो गुटों की झड़प में 13 लोगों को गोली। तेजस्वी यादव बंद के समर्थन में सड़क पर उतरे। वहीं, दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने गेट के बाहर प्रदर्शन किया।
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में जादवपुर और प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी के छात्रों का एक समूह ने प्रदर्शन किया। महाराष्ट्र के मुंबई और तमिलनाडु के चेन्नई में भी लोग सड़कों पर उतरे। उत्तराखंड के हल्द्वानी और असम के गुवाहाटी में लतासिल प्लेग्राउंड में महिलाओं ने प्रदर्शन किया। वहीं, अब तक हुए प्रदर्शनों में रेलवे की 88 करोड़ रुपये की संपत्ति क्षतिग्रस्त हुई है।
इस बीच, यूपी समेत देशभर में उपद्रवियों पर कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। यूपी में अब तक 10,900 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई है। 705 गिरफ्तारी की गई। वहीं, दिल्ली में 15 लोग, प. बंगाल में अब तक 600 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए। महाराष्ट्र में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और उपद्रव करने के लिए हिंगोली जिले में 20 लोगों को हिरासत में लिया गया जबकि 130 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए गए।
कर्नाटक के बंगलूरू में आठ मामले दर्ज किए गए। मंगलूरू में शनिवार को कर्फ्यू में ढील दी गई। सोमवार से यहां कर्फ्यू हटा लिया जाएगा। हालांकि, धारा 144 लागू रहेगी। मेघालय में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के आठ दिन बाद इंटरनेट सेवाएं शनिवार को बहाल कर दी गईं। इसे 12 दिसंबर को बंद किया गया था।
रामपुर में हाथीखाने के चौराहे पर हिंसक प्रदर्शन में कई पुलिस वाले घायल हो गए। भीड़ ने पुलिस की जीप समेत सात दोपहिया वाहन फूंक दिए। पुलिस को आंसू गैस के गोले और रबर की बुलेट का इस्तेमाल करना पड़ा। कानपुर में दूसरे दिन भी हुई हिंसा में यतीमखाना के पास उपद्रवियों ने पुलिस चौकी के सामने दो सिपाहियों को गोली मार दी।
भीड़ ने यतीमखाना चौकी में खड़ी दो कारें व दो बाइकों में भी आग लगा दी और पास में खड़ी सौ से अधिक गाड़ियां तोड़ दीं। पथराव में 20 से अधिक पुलिसकर्मी व मीडियाकर्मी घायल हुए हैं। उपद्रवियों पर लाठी चार्ज कर आंसू गैस के गोले छोड़े, तब वे पीछे हटे। संभलपुर और अमरोहा में भी प्रदर्शन की खबरें हैं। मुजफ्फरनगर में पथराव हुआ है। इस बीच, बवाल से निपटने के लिए यूपी सरकार को केंद्र से आईटीबीपी की पांच कंपनियां और दी गई हैं।
यूपी पुलिस ने उपद्रवियों की पहचानकर उन्हें जुर्माने का वसूली नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। जुर्माना नहीं चुकाने पर संपत्ति कुर्क होगी। उपद्रवियों की पहचान सीसीटीवी फुटेज से की जा रही है। उधर, लखनऊ हिंसा के मामले में पकड़ गए आधा दर्जन से ज्यादा लोगों का पश्चिम बंगाल से कनेक्शन सामने आया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, लखनऊ में हिंसा के दौरान इन्हें बंगाल से बुलाया गया था। पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने बताया, प्रदर्शन में एनजीओ और बाहरी तत्व शामिल हो सकते हैं। हम जांच करा रहे हैं और किसी को छोड़ा नहीं जाएगा।