Joharlive Team
रांची। झारखंड में टेरर फंडिंग मामले की जांच कर रही एनआईए के राडार पर टीपीसी उग्रवादियों के रिश्तेदार और जान पहचान वाले भी हैं। मगध-आम्रपाली कोल परियोजना से टेरर फंडिंग के मामले में टीपीसी उग्रवादियों के रिश्तेदारों पर भी एनआईए ने शिकंजा कसा है।
काला हीरे के कारोबार में दहशत के बल पर करोड़ों की कमाई करने वाले टीपीसी उग्रवादियों के खिलाफ एनआईए की लगातार कार्रवाई से संगठन बैकफुट पर है। टेरर फंडिंग केस में सीसीएल, ट्रांसपोर्टिंग से जुड़ी कंपनियों, विस्थापित गांवों के लोगों की ओर से टीपीसी के संरक्षण में बनायी गई कमेटी पर एनआईए कार्रवाई कर चुकी है।
एनआईए की टीम ने की जांचटीपीसी उग्रवादियों की ओर से किए गए निवेश के पहलूओं पर एनआईए ने विशेष जांच की. लेवी के पैसों से टीपीसी उग्रवादियों और उनके परिजनों ने कहां कहां और कितनी संपत्ति अर्जित की, इस पर एनआईए अब जांच कर रही है। राज्य पुलिस मुख्यालय ने पूर्व में भी निवेश संबंधी मामलों की जानकारी एनआईए को दी थी। इसी आधार पर एनआईए ने संपत्ति की जानकारी जुटाने का काम किया। टीपीसी उग्रवादियों के परिजनों के नाम पर खरीदी चल- अचल संपत्ति और उनके निवेश की जानकारी को लेकर एनआईए की टीम ने पूर्व में भी कई बड़ी करवाई की है।
जानकारी के अनुसार टीपीसी उग्रवादियों के कई रिश्तेदारों ने वसूली के पैसे से झारखंड के बाहर भी निवेश किया है. एनआईए वैसे सारे निवेश की जानकारियों जुटा रही है ताकि उन पर जल्द कार्रवाई हो सके।
एनआईए की टीम ने टीपीसी उग्रवादियों की संपत्ति की जानकारी जुटाने के लिए टंडवा, लावालौंग में जाकर जांच की थी। इन दोनों इलाकों में टीपीसी उग्रवादियों के कई परिजन रहते हैं। अबतक की जांच में टीपीसी उग्रवादियों के रिश्तेदारों के नाम पर रांची, हजारीबाग, चतरा, लातेहार में अचल संपत्ति होने की बात सामने आयी है। एक टीपीसी कमांडर के रेस्टोरेंट और पेट्रोलपंप होने की बात भी सामने आयी है।
मगध-आम्रपाली कोल परियोजना से लेवी वसूली के मामले में कई बड़े टीपीसी उग्रवादी अब भी फरार हैं। टीपीसी सुप्रीमो ब्रजेश गंझू, आक्रमण, अनिश्चय गंझू, भीखन गंझू समेत को एनआईए फरार घोषित कर चुकी है। इस मामले में आधुनिक ग्रुप के जीएम संजय जैन, सीसीएल का लाइजनर सुभान मियां, ट्रांसपोर्टर छोटू सिंह उर्फ प्रेम विकास सिंह समेत कई आरोपी लंबे समय से जेल में बंद हैं।