शिमला : हिमाचल प्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ है. यहां विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस के खिलाफ वोट करने वाले 6 बागी विधायकों पर कार्रवाई करते हुए इन 6 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी है. विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इन विधायकों के भविष्य पर फैसला सुनाया. हिमाचल विधानसभा स्पीकर कुलदीप पठानिया ने उन्हें पार्टी व्हिप के उल्लंघन का दोषी माना है. कल बुधवार को उन्होंने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला रिजर्व रख लिया था.
बता दें कि कांग्रेस विधायक और संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने दलबदल विरोधी कानून के तहत छह विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए याचिका दायर की थी.कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि तीन पेज का एक डिटेल ऑर्डर जारी किया गया है. एंटी डिफेक्शन लॉ के 10 शेड्यूल के तहत बतौर ट्रिब्युल के जज के तौर पर यह फैसला मैंने सुनाया है. छह विधायक जो हमारे हैं, उन्होंने चुनाव कांग्रेस पार्टी से लड़ा था. एंटी डिफेक्शन लॉ की पिटीशन दायर हुई है. इसी संदर्भ में याचिका संसदीय मंत्री की तरफ से आई है. सभी बागियों को सुनवाई के मौके भी दिए गए.
इन विधायकों पर की गई कार्रवाई
जिन 6 बागी विधायकों को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के स्पीकर ने अयोग्य घोषित किया है, उनमें राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, चेतन शर्मा, आईडी लखनवाल, सुधीर शर्मा और देवेंद्र भुट्टो शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक हिमाचल विधानसभा स्पीकर के फैसले को चुनौती देने के लिए बागी विधायक हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं. विधानसभा स्पीकर ने बताया कि मैंने सभी का पक्ष सुना है. विधायकों ने व्हिप का उल्लंघन किया. सभी 6 बागी विधायकों की सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म की जाती है. राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले सभी विधायक अयोग्य घोषित किया जा रहा है.