JoharLive Team

रांची : झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस प्रशांत कुमार का निधन शुक्रवार सुबह रांची के मेडिका अस्पताल में हो गया। वह 61 वर्ष के थे। उनके निधन से न्यायिक अधिकारियों में शोक की लहर है। परिवारिक सूत्रों के अनुसार जस्टिस प्रशांत कुमार का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए 2:30 बजे हाईकोर्ट में लाया जाएगा। उनके निधन की सूचना मिलते ही हाईकोर्ट के कई जज और अधिकारी अस्पताल पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी।जस्टिस प्रशान्त का जन्म एक जुलाई,1958 को हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा छपरा,बिहार के विशेश्वर सेमिनरी स्कूल में हुई थी। जस्टिस प्रशान्त बनारस के उदय प्रताप सिंह कॉलेज से विज्ञान में स्नातक किए थे। वह एक अक्टूबर 1980 को एक अधिवक्ता के रूप में बिहार राज्य बार काउंसिल से जुड़े थे। उन्होंने वकील के तौर पर पटना हाईकोर्ट में लंबे समय तक प्रैक्टिस की थी। वह पटना हाईकोर्ट के रांची बेंच में भी 1980 से लेकर 1991 तक संवैधानिक और सेवाओं से जुड़े मामले देखते रहे।

छह मई 1991 को प्रशांत कुमार एडीजी के तौर पर न्यायिक सेवा में दाखिल हुए। इसके बाद उन्हें जून 2001 में जिला जज के रूप में प्रोन्नति मिली।इसी वर्ष प्रशांत कुमार ने झारखंड हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला था। हाईकोर्ट में सबसे वरीय होने के कारण उन्हें झारखंड हाईकोर्ट का कार्यवाहक चीफ जस्टिस बनाया गया था। इससे पहले 21 जनवरी,2009 में जस्टिस प्रशांत कुमार ने झारखंड हाईकोर्ट के जज के रूप में योगदान दिया था। मई 2016 में झारखंड से उनका तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट में कर दिया गया। अपनी बीमारी का हवाला देते हुए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम से झारखंड हाईकोर्ट तबादला करने की गुहार लगाई थी। इसके बाद फिर उन्हें झारखंड हाईकोर्ट में पदस्थापित किया गया।उल्लेखनीय है कि जस्टिस कैंसर से पीड़ित थे और उनका किडनी भी खराब हो गया था। इस वजह से वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे।

मुख्‍यमंत्री रघुवर दास, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा सेहित कइयों ने दिवंगत जस्टिस प्रशांत कुमार के निधन पर दुख्‍ा जताया है। सीएम अपने संदेश में कहा – झारखंड उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार जी के निधन पर मेरी संवेदनाएं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे तथा शोक संतप्त परिजनों को दुःख की इस घड़ी में संबल प्रदान करे।

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