रांची। हाईकोर्ट ने मंगलवार को रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले में आरोपी राजीव सिंह को दी जमानत। अदालत ने राजीव सिंह को 10-10 हजार के दो निजी मुचलके पर जमानत की सुविधा प्रदान की है। झारखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व महाधिवक्ता आरएस मजूमदार ने अदालत में बहस की। झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस आर मुखोपाध्याय की कोर्ट ने राजीव सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दी जमानत। वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस मजूमदार ने अदालत में कहा की चोरी की हुई रिमेडिसिविर उनके पास से रिकवर नहीं हुई है, ऐसे में उनको जमानत दी जा सकती है।

बता दें, इस मामले में पहले एसआईटी के नेतृत्व कर रहे एडीजी अनिल पालटा की ओर से झारखंड हाईकोर्ट को बताया गया कि रिम्स से रेमडेसिविर की छह वायल की चोरी की गयी है। यह रेमडेसिविर भी कालाबाजारी करने के मुख्य आरोपी राजीव सिंह को उपलब्ध करायी गयी थी। इस मामले पर रिम्स से रिपोर्ट मांगी गयी है।

पहले सुनवाई के दौरान एसआईटी की ओर से अदालत को बताया गया कि इस मामले के मुख्य आरोपी की राजीव सिंह का मोबाइल डाटा खंगाला गया है। इसमें किसी संतोष कुमार नामक व्यक्ति से लगातार और कई बार बात होने की जानकारी मिली है। इसकी जांच की गयी तो पता चला कि संतोष कुमार रिम्स में एक महिला अनुबंधकर्मी का करीबी है. उस महिलाकर्मी ने ही रिम्स से छह वायल की चोरी कर संतोष कुमार के माध्यम से राजीव को उपलब्ध कराया है। दोनों ने रेमडेसिविर की चोरी करने की बात स्वीकार भी की है। इस मामले में रिम्स से कई जानकारी और रिपोर्ट मांगी गयी है। रिम्स ने रेमडेसिविर चोरी मामले में एक नर्स पर बरियातू थाने में शिकायत दर्ज कराया है।

क्या है मामला

कोरोना की दूसरी लहर में रेमडेसिविर की कालाबाजारी की बाद मीडिया में आने के बाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार से जवाब तलब किया था। इसके बाद कोर्ट ने सरकार को एसआईटी बना कर मामले की जांच करने को कहाथा। कालाबाजारी में एक आईपीएस का नाम आने के बाद हाईकोर्ट ने सरकार को निष्पक्ष होकर जांच करने को कहा था और हिदायत दी है कि यदि जांच में लापरवाही पायी गयी, तो मामले की जांच सीबीआई से करायी जा सकती है।

Share.
Exit mobile version