साहेबगंज। मिर्जा चौकी चेकपोस्ट पर ट्रक चालकों से अवैध वसूली के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने अपनी प्रारंभिक जांच पूरी कर ली। यह रिपोर्ट डीजीपी को सौंपी जाएगी। जिसके बाद इस मामले में प्राथमिकी का आदेश दिया जा सकता है। फिर इस मामले की जांच में तेजी आएगी।
एसीबी के दुमका क्षेत्रीय कार्यालय में पदस्थापित इंस्पेक्टर पीर मोहम्मद ने दो दिनों तक यहां रहकर जांच-पड़ताल की। कई लोगों से पूछताछ की। एसीबी खनन टास्क फोर्स और इंस्पेक्टर शशिभूषण चौधरी की उस रिपोर्ट को भी अपनी जांच प्रतिवेदन में शामिल कर सकती है, जो नवंबर में डीसी रामनिवास यादव को सौंपी गई थी।
इसी आधार पर मिर्जाचौकी के तत्कालीन थानेदार अशोक प्रसाद को डीआइजी ने निलंबित कर दिया था। हालांकि, चेकनाका पर तैनात दंडाधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। ऐसे में नवंबर 2022 में मिर्जाचौकी चेकनाका पर तैनात दंडाधिकारियों की सूची को भी एसीबी खंगाल रही है।
बता दें कि नवंबर 2022 में कुछ ट्रक चालकों ने डीसी रामनिवास यादव को अवैध वसूली का वीडियो को भेजा था। इसके बाद डीसी ने खनन टास्क फोर्स को मामले की जांच के लिए भेजा था।
टास्क फोर्स के सदस्यों ने जांच पड़ताल में पाया कि ट्रकों को वहां जानबूझ कर रोक कर रखा जाता है और पैसा लेकर छोड़ा जाता है। इसी बीच नगर प्रभाग के इंस्पेक्टर शशिभूषण चौधरी ने भी एक रिपोर्ट डीसी रामनिवास यादव और एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा को सौंपी, जिसमें भी अवैध वसूली की बात सामने आई। यह खबर अखबार में प्रकाशित होने के बाद तत्कालीन थानेदार अशोक प्रसाद को निलंबित कर दिया गया था। वैसे अब भी कभी-कभार चेकनाका पर अवैध वसूली की शिकायत सामने आती रहती है।
राज्य में एंटी करप्शन ब्यूरो की सक्रियता इन दिनों बढ़ गई है। इसी क्रम में दो जून 2023 को एसीबी दुमका ने पतना प्रखंड की लखीपुर पंचायत के मुखिया शिवधर मड़ैया को पांच हजार रुपया घूस लेते पकड़ा था। बाद में उसे जेल भेज दिया गया था।
बताया जाता है कि वर्तमान पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह पूर्व में एसीबी में काम कर चुके हैं। ऐसे में वहां की कार्यपद्धति से वे भलीभांति वाकिफ है। ऐसे में उन्होंने एसीबी को अपनी सक्रियता बढ़ाने को कहा है। एसीबी की नजर भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों पर भी है।